नई दिल्ली, 12 जून 2024
देश में तकनीकी शिक्षा के ईकोसिस्टम को और मजबूत बनाने के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम, उपाध्यक्ष डॉ. अभय जेरे और सदस्य सचिव प्रो. राजीव कुमार ने विभिन्न राज्यों के तकनीकी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ बैठक की। इस रणनीतिक बातचीत में छात्रों, संकाय सदस्यों और शैक्षिक क्षेत्र के सभी हितधारकों की उन्नति के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। इसमें फैकल्टी प्रमोशन के मुद्दे, मल्टीपल एंट्री और एग्जिट, माइनर डिग्री की अवधारणा, इंस्टीट्यूशनल ऑटोनॉमी, कौशल पाठ्यक्रमों का एकीकरण और उनके संबंधित क्रेडिट के साथ इंटर्नशिप जैसे विषय शामिल थे। इसके अलावा, बीबीए, बीसीए, बीएमएस में स्पेशलाइजेशन, कामकाजी पेशेवरों के लिए कोर्स के लिए अनुमोदन, वर्ष 2024-25 के लिए शैक्षणिक कैलेंडर, छात्रों की एपीएआर (अपार) आईडी, स्टडी इन इंडिया पोर्टल पर पंजीकरण, छात्रों के लिए शुल्क वापसी के मुद्दे और एआईसीटीई-अपना पोर्टल के माध्यम से प्लेसमेंट पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में 24 कुलपति व्यक्तिगत रूप से और 3 कुलपति ऑनलाइन शामिल हुए।
कुलपतियों को संबोधित करते हुए एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम ने भारत के विकास में कोर इंजीनियरिंग ब्रांच की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए इन पाठ्यक्रमों को मजबूत करने और छात्रों के लिए नौकरी की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए एआईसीटीई की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कुलपतियों से भारतीय भाषाओं में टीचिंग-लर्निंग को बढ़ावा देने, उद्योग और शिक्षा के बीच तालमेल को बढ़ावा देने और हर परिसर में इंडस्ट्री सेल और वेलनेस सेंटर स्थापित करने का आग्रह किया। उन्होंने कोर इंजीनियरिंग के साथ इमर्जिंग एरिया में माइनर डिग्री और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में कम से कम दो क्रेडिट कोर्स शुरू करने की सलाह दी।
एआईसीटीई के उपाध्यक्ष डॉ. अभय जेरे ने आज के दौर में नवाचार और डिजाइन थिंकिंग की अनिवार्यता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संस्थानों को बाजार की मांगों के साथ तालमेल बिठाने और नवाचार को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों को उद्योग जगत की चुनौतियों के लिए तैयार करने की आवश्यकता है। क्रिएटिव आइडिएशन और उनके कार्यान्वयन को बढ़ावा देने के लिए सभी परिसरों में आइडिया कैफे खोले जाने चाहिए। संस्थानों को चाहिए कि वे अपने छात्रों को स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन जैसी प्रतियोगिताओं में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करें।
एआईसीटीई के सदस्य सचिव प्रो. राजीव कुमार ने बैठक के एजेंडे को रेखांकित किया जिसमें भारत में तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए परिषद द्वारा की जाने वाली पहल को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि इन पहल को मूर्त रूप देने और उन्हें लागू करने के लिए तकनीकी विश्वविद्यालयों और संस्थानों के समर्थन की जरूरत होगी। यह सहयोगात्मक बैठक भारत में महत्वपूर्ण शैक्षिक चुनौतियों का समाधान करने और तकनीकी शिक्षा के लिए उपयुक्त ईकोसिस्टम को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।