
उत्तर प्रदेश के वाराणसी कैंट से जहां कुछ शराब के व्यापारी शराब को लेकर बिहार निकलने के फ़िराक में थे
बिहार में चल रहा है मौत का व्यापर
गहरी नींद में सोइ है बिहार की सरकार
पटना में शराब की अवैध बिक्री
2016 में बंद हुई थी बिहार में शराब
शराब पिने वालों की संख्या 28.9 प्रतिशत
15 – 2016 शराब से मरने वालों की संख्या 190
बिहार पटना 10 सितंबर। बिहार में शराब ना जाने कितनी बार बंद हुए और शुरू हुए ऐसा लगता है की इस राज्य में रूल बनते ही टूटने के लिए हैं अब देखिये थोड़ा इतिहास में पीछे चलें तो पता लगता है की 2016 अप्रैल में बिहार सरकार ने शराब पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगा दिया था जिसमें इसका निर्माण, बिक्री, भंडारण और उपभोग शामिल है। इस नीति का उद्देश्य घरेलू हिंसा को कम करना और पुरुषों द्वारा शराब पर अपनी कमाई का दुरुपयोग रोकना था, जिसके बारे में माना जाता था कि इससे घर गरीब होते हैं और महिलाओं की पढ़ाई प्रभावित होती है। और घर में कलेश हो रहे थे लेकिन धरातल पर कुछ और हीं खेला हो रहा है और करने वालों में बिहार सरकार का पूरा योगदान है धड़ल्ले से शराब का व्यापर बिहार में किया जा रहा है लेकिन इन मौत के सौदागरों को ये तक पता नहीं चल रहा है की ये तो अपनी जेबें गर्म कर लेते है लेकिन इसके पीछे ना जाने कितने गरीब मारे जाते हैं हाल हीं में एक खबर सामने आ रही हैं की उत्तर प्रदेश के वाराणसी कैंट से जहां कुछ शराब के व्यापारी शराब को लेकर बिहार निकलने के फ़िराक में थे,,,,,दरअसल ये 288 शराब के कनस्तर पटना भेजे जा रहे थे जो की अंचार के डब्बों में थे,,,,लेकिन सवाल ये है की जब नीतीश सरकार रूल्स और नियम की बात करते हैं तो ये शराब का व्यापर कैसे हो रहा है इसका तो साफ मतलब ये हुआ की सरकार की मिलीभगत भी है इस व्यापर में। और इसके पीछे का फायदा वोट है देखा जाता है की बिहार में जब जब चुनाव नजदीक आता है शराब खुले तौर पर बिकने लगता है,,,,,आज भी यही हो रहा है देखिये सवाल साफ़ है अगर सरकार का मिलीभगत नहीं है इसमें तो इसपर रोक क्यों नहीं लग रहा है एक वरिष्ठ आबकारी अधिकारी ने शुक्रवार (4 अप्रैल, 2025) को बताया कि अप्रैल 2016 में राज्य में शराबबंदी लागू होने के बाद से बिहार में अवैध शराब के सेवन से कुल 190 लोगों की मौत हो चुकी है। दरअसल आंकड़ें बताते हैं की 2015-16 में बिहार में शराब पीने वाले पुरुष 28.9 प्रतिशत थे और अब भी 17 प्रतिशत पुरुष शराब पीते हैं,,,,
ऐसे में हरियाणा निर्मित शराब की बोतल रायल स्टैग यूपी में करीब 700 रुपये बोतल है, जो बिहार में दो हजार में बिकती है। ग्राहक भी खोजना नहीं पड़ता। लोग चोरी छिपे खुद ही बिक्रेता के पास पहुंच आते हैं। विक्रेता जेबें भरने के लिए आन डिमांड लोगों के घर तक भी पहुंचाते हैं। और आज की ये जो खबर आपको हम बता रहें हैं ये भी कुछ ऐसा ही है,,,,, आप क्या सोचतें हैं इस खबर पर अपनी राय हमारे साथ कमेंट्स में साझा कीजिये ,,,,,,और बताइये कितने लोग बिहार में शराब से पीड़ित हैं,,,