पश्चिम बंगाल में आज हुए बंगाल बंद के दौरान भाटपारा इलाके में हिंसा भड़क उठी, जब बीजेपी कार्यकर्ताओं पर अज्ञात हमलावरों ने गोलियां चला दीं। इस घटना में दो बीजेपी कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस हमले के बाद राज्य में राजनीतिक तनाव और भी बढ़ गया है, और आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
घटना के बाद पश्चिम बंगाल के विपक्षी नेता और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुवेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार पर तीखा हमला बोला। सुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि उनकी सरकार राज्य में लोकतांत्रिक विरोध की आवाज को दबाने के लिए हिंसा का सहारा ले रही है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है, और राज्य सरकार अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ हिंसा का प्रयोग कर रही है।
सुवेंदु अधिकारी ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “यह घटना साबित करती है कि ममता बनर्जी की सरकार ने राज्य में लोकतंत्र की हत्या कर दी है। बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमले की यह घटना दिखाती है कि राज्य में लोकतांत्रिक अधिकारों का खुलेआम हनन हो रहा है। हम इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अपेक्षा करते हैं। अगर राज्य सरकार इस मामले को गंभीरता से नहीं लेती, तो हम राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ने के लिए मजबूर हो जाएंगे।”
सुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि वह विपक्ष को दबाने के लिए अपने समर्थकों का इस्तेमाल कर रही है और राज्य में हिंसा को प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में बढ़ती हिंसा और राजनीतिक असहिष्णुता के लिए पूरी तरह से ममता बनर्जी जिम्मेदार हैं।
इस घटना के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों में भारी आक्रोश फैल गया है। बीजेपी ने इस घटना के विरोध में और भी तीव्र प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। पार्टी कार्यकर्ताओं ने ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ और अधिक जोरदार विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है, और इसे लेकर राज्य में तनाव और बढ़ने की आशंका है।
घटना के बाद पुलिस और प्रशासन ने भाटपारा इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है। राज्य सरकार ने भी इस घटना की जांच का आश्वासन दिया है, लेकिन बीजेपी का आरोप है कि राज्य सरकार की ओर से निष्पक्ष कार्रवाई की उम्मीद कम है।
पश्चिम बंगाल में बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के बीच लंबे समय से चल रहे राजनीतिक संघर्ष ने राज्य की राजनीति को अत्यधिक तनावपूर्ण बना दिया है। बंगाल बंद के दौरान हुई इस हिंसा ने राजनीतिक माहौल को और भी गरमा दिया है, और इस घटना ने दोनों दलों के बीच के टकराव को एक नया मोड़ दे दिया है।
आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस हिंसा के बाद राज्य में राजनीतिक घटनाक्रम किस दिशा में जाते हैं। क्या यह मामला पश्चिम बंगाल की राजनीति में कोई बड़ा बदलाव लाएगा, या यह राज्य में राजनीतिक संघर्ष का एक और उदाहरण बनकर रह जाएगा, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा। इस घटना ने राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, और इस पर राज्य सरकार की प्रतिक्रिया पर सबकी नजरें टिकी हैं।