 
        डीसी ने जिला के सभी सरपंचों को गांव में होने वाले विवाह पर नजर रखने, आंगनवाड़ी सभी सुपरवाइजर व आंगनवाड़ी वर्कर को गांव में होने वाले विवाह की सूची तैयार करने, स्कूलों में कोई भी बच्चे का ड्रॉप आउट होने का कारण पता करने के निर्देश दिए।
देवउठनी ग्यारस पर होने वाले बाल विवाह की रोकथाम के लिए प्रशासन सतर्क
-विशेष नजर रखने के लिए अधिकारियों को डीसी ने दिए निर्देश
रेवाड़ी, 31 अक्टूबर।
डीसी अभिषेक मीणा ने आमजन से आह्वïान किया कि 18 वर्ष से कम आयु की लडक़ी व 21 वर्ष से कम आयु के लडक़े की बाल विवाह से सम्बन्धित कोई भी सूचना प्राप्त होती है तो वे बाल विवाह निषेध अधिकारी, पुलिस हेल्पलाइन 112, मैजिस्ट्रेट या चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर 1098 पर सम्पर्क कर सूचना दे सकते है, ताकि समय पर हस्तक्षेप करके नाबालिग के विवाह को रुकवाया जा सके।
डीसी अभिषेक मीणा ने जानकारी देते हुए बताया कि देवउठनी ग्यारस पर सामाजिक प्रथा बाल विवाह होने का अंदेशा बना रहता है, जो बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के अन्तर्गत कानूनी अपराध है। उन्होंने बताया कि बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत 18 वर्ष से कम आयु की लडक़ी व 21 वर्ष से कम आयु के लडक़े को नाबालिग माना जाती है। यदि कम आयु में विवाह किया जाता है तो यह संज्ञेय और गैर जमानती अपराध है, ऐसा कोई भी व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है, उसको बढ़ावा देता है या उसकी सहायता करता है, तो 2 साल तक की सजा और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
डीसी ने जिला के सभी सरपंचों को गांव में होने वाले विवाह पर नजर रखने, आंगनवाड़ी सभी सुपरवाइजर व आंगनवाड़ी वर्कर को गांव में होने वाले विवाह की सूची तैयार करने, स्कूलों में कोई भी बच्चे का ड्रॉप आउट होने का कारण पता करने के निर्देश दिए। इसके साथ जिला की सभी आशा वर्कर व एएनएम को उनके क्षेत्र में बाल विवाह की सूचना मिलती है तो संरक्षण एवं बाल विवाह विभाग व पुलिस को तुरंत सूचना देने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, प्रतिनिधि, स्किल डेवलपमेंट, आईटीआई व बाल कल्याण समिति आदि को जिला रेवाड़ी में किसी प्रकार की बाल विवाह से सम्बन्धित कोई भी सूचना प्राप्त होती है तो तुरन्त जिला प्रशासन को सूचित करें।
डीसी अभिषेक मीणा ने कहा कि विवाह में सेवा देने वाले टेंट, हलवाई, पंडित, केटरर, प्रिटिंग प्रेस वालों से भी आह्वान किया है कि ऐसे किसी भी विवाह कार्यक्रम में न तो शामिल हो और न ही अपनी सेवाएं दें। अन्यथा उनके विरूद्ध भी कानूनी कार्रवाई की जायेगी।

 
         
         
         
        