
इंसानियत निभाने का सबसे प्रभावशाली तरीका है। नई दिल्ली, 8 सितंबर - नालासोपारा पूर्व के पेल्हार गांव की जामा मस्जिद में आज इंसानियत की सबसे बड़ी मिसाल देखने को मिली। यहाँ आयोजित रक्तदान शिविर में सैकड़ों लोगों ने स्वेच्छा से रक्तदान कर मानवता की मिसाल पेश की। डॉक्टरों, स्वयंसेवकों और युवाओं की टीम ने भी इस शिविर में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
इंसानियत निभाने का सबसे प्रभावशाली तरीका है।
नई दिल्ली, 8 सितंबर – नालासोपारा पूर्व के पेल्हार गांव की जामा मस्जिद में आज इंसानियत की सबसे बड़ी मिसाल देखने को मिली। यहाँ आयोजित रक्तदान शिविर में सैकड़ों लोगों ने स्वेच्छा से रक्तदान कर मानवता की मिसाल पेश की। डॉक्टरों, स्वयंसेवकों और युवाओं की टीम ने भी इस शिविर में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
मुख्य अतिथि, समाजसेवी हबीब भाई पटेल ने शिविर में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा रक्तदान महज़ एक चिकित्सा प्रक्रिया नहीं है, बल्कि इंसान का अपने समान के प्रति सबसे बड़ा फर्ज़ है। यह वही राह है, जो हमें पैग़म्बर मुहम्मद साहब की इंसानियत भरी शिक्षाओं से मिलती है। हबीब भाई ने युवाओं को प्रेरित करते हुए बताया कि इस्लाम हमें हमेशा इंसानियत की राह पर चलना सिखाता है। पैग़म्बर साहब ने पूरी जिंदगी लोगों की सेवा में बिताई, और रक्तदान भी उसी सेवा का एक रूप है। उन्होंने कहा कि यह कार्य मज़हब से ऊपर उठकर इंसानियत निभाने का सबसे प्रभावशाली तरीका है।
शिविर में रक्त एकत्र किया गया, जिसे जरूरतमंद मरीजों को उपलब्ध कराया जाएगा। चिकित्सकों ने बताया कि एक यूनिट रक्त से तीन लोगों की जान बचाई जा सकती है। इस प्रकार, नालासोपारा के इस रक्तदान शिविर ने साबित कर दिया कि समाजसेवा और इंसानियत के लिए कोई उम्र, कोई जाति या कोई मज़हब बाधा नहीं है। छोटे-छोटे कदम, जैसे रक्तदान, ही जिंदगी बचाने और समाज में असली सेवा दिखाने का सबसे बड़ा माध्यम हैं।