दिल्ली दंगे: पूर्वी दिल्ली दंगा मामले में सात आरोपी बरी, कोर्ट ने कहा- इनके खिलाफ कोई स्थायी सबूत नहीं
नई दिल्ली 01 मार्च 2024| अदालत ने बुधवार को पारित आदेश में कहा कि रिकॉर्ड पर मौजूद सबूत किसी भी आरोपी व्यक्ति को दंगाइयों की भीड़ का हिस्सा दिखाने के लिए किसी भी प्रेरक सबूत की मदद से इंगित करने में विफल रहे हैं।
अदालत ने 2020 में पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों के मामले में सात आरोपियों को बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष अपराध बिना शक साबित करने में असफल रहा है। इनके खिलाफ कोई स्थायी और प्रेरक सबूत नहीं है। दयालपुर पुलिस स्टेशन में शकील, हबीब रजा, मोहम्मद यामीन, उस्मान, शाहिद, फुरकान और इरशाद के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जिन्हें बरी कर दिया गया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने यह आदेश उन सात लोगों के खिलाफ मामले की सुनवाई करते हुए दिया जिन पर 24 फरवरी, 20 को करावल नगर में मुख्य बृजपुरी रोड पर दो दुकानों, ऑटोरिक्शा और दोपहिया वाहन को जलाने वाली गैरकानूनी सभा का हिस्सा होने का आरोप था। अदालत ने बुधवार को पारित आदेश में कहा कि रिकॉर्ड पर मौजूद सबूत किसी भी आरोपी व्यक्ति को दंगाइयों की भीड़ का हिस्सा दिखाने के लिए किसी भी प्रेरक सबूत की मदद से इंगित करने में विफल रहे हैं।
अदालत ने सभी आरोपियों को बरी करते हुए कहा कि रिकॉर्ड पर मौजूद सबूत भी उस भीड़ की पहचान स्थापित करने में विफल रहे, जो वास्तव में इस मामले में जांच की गई तीन घटनाओं के पीछे थी। किसी भी शिकायतकर्ता ने कथित दंगाइयों में से किसी की भी पहचान नहीं की। सात में से चार को एक सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) ने एक गुप्त सूचना पर गिरफ्तार किया था।