बढ़ती उम्र में बालों का सफेद होना नेचुरल प्रोसेस है। इसे आप डाई और हेयर कलरिंग के मदद से छिपा जरूर सकते हैं, लेकिन रोक नहीं सकते। इसलिए इसे लेकर बहुत ज्यादा टेंशन में न आएं और न ही सफेद बालों को बेरहमी से तोड़कर अलग करने की गलती करें। बहुत सारे लोग सिर के इक्का-दुक्का सफेद बालों के लिए पैसे खर्च करने की जगह उन्हें तोड़ना ईजी ऑप्शन समझते हैं, लेकिन इससे होने वाली समस्याओं से अंजान होते हैं, तो आज के लेख में हम इसी के बारे में जानने वाले हैं।
बाल सफेद होने की वजहें
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे मेलेनिन और बालों के कलर को बनाए रखने वाले पिगमेंट्स भी कम होते चले जाते हैं। हर एक हेयर फॉलिकल में पिगमेंट बनाने वाले सेल्स होते हैं, जिन्हें मेलानोसाइट्स के नाम से जाना जाता है। बढ़ती उम्र के साथ इन सेल्स की एक्टिविटी कम होती जाती है, मतलब मेलेनिन बनाने का जो काम है जो बंद हो जाता है। जिस वजह से बालों का रंग सफेद आने लगता है।
सफेद बालों को तोड़ने के नुकसान
सिर में खुजली व जलन
बालों को खींचकर तोड़ने से स्कैल्प में तेज खुजली, जलन और रैशेज की भी प्रॉब्लम हो सकती है। सेंसिटिव स्किन वालों की तो प्रॉब्लम और ज्यादा बढ़ सकती है।
हो सकता है इन्फेक्शन
जब आप बालों को खींचकर तोड़ते हैं, तो इससे होने वाली तेज खुजली को मिटाने के लिए बार-बार खुजलाने से इन्फेक्शन हो सकता है और समय रहते इसका उपचार न किया जाए, तो ये पूरे स्कैल्प को प्रभावित कर सकता है।
हेयर ग्रोथ
सफेद बालों को खींचकर तोड़ने की आदत से हेयर फॉलिकल्स कमज़ोर होते जाते हैं। जिसका असर बालों की ग्रोथ और टेक्सचर पर देखने को मिलता है।
हाइपरपिग्मेंटेशन का रिस्क
अगर आप सफेद बालों से छुटकारा पाने के लिए उसे तोड़ते रहते हैं, तो आपको बता दें कि इससे उन बालों की जगह नए बाल नहीं उगते, बल्कि उनकी जगह काले धब्बे बनने लगते हैं और ये इसका असर बालों की ग्रोथ पर देखने को मिलता है।