Farmers’ March: ‘उन्हें ये समझना होगा कि…’, किसानों के दिल्ली मार्च पर केंद्रीय कृषि मंत्री का अहम बयान
नई दिल्ली 13 फ़रवरी 2024| किसानों के मार्च पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि इसके लिए हमें राज्यों से बात करने की आवश्यकता है। हमें चर्चा करने के लिए एक मंच और समाधान ढूंढने की जरूरत है।
लंबित मांगों को लेकर पंजाब के हजारों किसान आज दिल्ली पहुंचे हैं। देर रात केंद्रीय मंत्रियों के साथ चली बैठक बेनतीजा होने के बाद दिल्ली कूच के लिए ट्रैक्टर ट्रॉलियों में टेंट, राशन और अन्य सामान भरकर पंजाब के विभिन्न इलाकों से किसान निकले।
किसानों के मार्च पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ‘परामर्श की आवश्यकता रहेगी। इसके लिए हमें राज्यों से बात करने की आवश्यकता है। हमें चर्चा करने के लिए एक मंच और समाधान ढूंढने की जरूरत है। भारत सरकार किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए बाध्य है। जनता को परेशानी में नहीं डालना चाहिए, किसान यूनियन को इसे समझना चाहिए।’
क्या है किसानों की मांग?
किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी के अलावा, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋणों की माफी, पुलिस में दर्ज मामले वापस लेना, लखीमपुरी के पीड़ितों के लिए राहत। खीरी हिंसा. वे ‘न्याय’, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 की बहाली और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
मंत्रियों के साथ किसानों की बैठक रही थी बेनतीजा
केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल के साथ सोमवार को किसानों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की। हालांकि, किसानों की मांगों को लेकर हुई यह बैठक बेनतीजा रही।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसानों ने अंबाला-शंभु, खनौरी-जींद और डबवाली सीमाओं से दिल्ली की ओर मार्च करने की योजना बनाई है।