
RTI का जवाब दो महीने से नहीं पूर्व सैनिक और RTI कार्यकर्ता रमेश यादव ने फरुखनगर तहसील में कुछ संदिग्ध रजिस्ट्रियों की जानकारी के लिए लगभग दो महीने पहले सूचना का अधिकार (RTI) के तहत आवेदन दिया था।
गुरुग्राम की तीन तहसीलों में बड़ा खेल, एंटी करप्शन ब्यूरो को शिकायतें
फरुखनगर, बादशाहपुर और मानेसर तहसीलों में सरकार को लग रहा करोड़ों का चूना, बिना NOC हो रही रजिस्ट्री
गुरुग्राम, 8 सितंबर:
गुरुग्राम जिले की तीन प्रमुख तहसीलें—फरुखनगर, बादशाहपुर और मानेसर—इन दिनों एक बड़े रजिस्ट्री घोटाले के चलते सवालों के घेरे में हैं। हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को इन तहसीलों में बिना NOC (अनापत्ति प्रमाण पत्र) के हो रही रजिस्ट्रियों को लेकर शिकायतें प्राप्त हुई हैं। आरोप है कि इन इलाकों में नियमों को ताक पर रखकर जमीनों की रजिस्ट्री की जा रही है, जिससे हरियाणा सरकार को लाखों-करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है।
RTI का जवाब दो महीने से नहीं
पूर्व सैनिक और RTI कार्यकर्ता रमेश यादव ने फरुखनगर तहसील में कुछ संदिग्ध रजिस्ट्रियों की जानकारी के लिए लगभग दो महीने पहले सूचना का अधिकार (RTI) के तहत आवेदन दिया था। लेकिन, आज तक उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। इस पर यादव ने अब एंटी करप्शन ब्यूरो के महानिदेशक (DG) को शिकायत भेजी है, जिसमें उन्होंने तीनों तहसीलों की रजिस्ट्री प्रक्रियाओं की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
बिना NOC और विवादित जमीन की रजिस्ट्री
शिकायत में कहा गया है कि इन तहसीलों में कई ऐसी रजिस्ट्रियां की गई हैं जिनमें या तो जमीन विवादित थी या फिर NOC नहीं था। इसके बावजूद नियमों की अवहेलना कर जमीनों की रजिस्ट्री की गई। सबसे अधिक बादशाहपुर और फरुखनगर में ऐसी अवैध रजिस्ट्रियों के मामले सामने आए हैं।
जिला उपायुक्त को भी शिकायत
रमेश यादव ने गुरुग्राम के उपायुक्त अजय कुमार को भी शिकायत पत्र सौंपा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन की नाक के नीचे बड़े पैमाने पर रजिस्ट्री का यह खेल खेला जा रहा है और किसी भी स्तर पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो रही।
जमीन कहीं की, रजिस्ट्री कहीं की
शिकायत में एक और गंभीर आरोप यह भी है कि कुछ मामलों में जमीन की लोकेशन और रजिस्ट्री की लोकेशन अलग है। यानी जमीन एक जगह है, लेकिन रजिस्ट्री किसी दूसरी जगह की दिखाई गई है। इसके अतिरिक्त, मानेसर तहसील में कुछ ऐसी जमीनों की भी रजिस्ट्री की गई, जिनकी कानूनी रूप से रजिस्ट्री हो ही नहीं सकती थी।
फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी का इस्तेमाल
रमेश यादव ने अपनी शिकायत में यह भी बताया कि दूसरे राज्यों से लाई गईं पावर ऑफ अटॉर्नी के सहारे भी रजिस्ट्रियां की जा रही हैं। उनका आरोप है कि अधिकतर मामलों में पावर ऑफ अटॉर्नी दस्तावेज फर्जी या अपूर्ण हैं। वहीं, गुरुग्राम में भी अब स्थानीय स्तर पर फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी तैयार कर रजिस्ट्री करवाई जा रही है, लेकिन अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे।
बादशाहपुर सबसे विवादित तहसील
सूत्रों के अनुसार, गुरुग्राम की तीनों तहसीलें—बादशाहपुर, फरुखनगर और मानेसर—अक्सर रजिस्ट्री विवादों में रही हैं। इनमें बादशाहपुर तहसील सबसे अधिक विवादित मानी जाती है और प्रशासन की विशेष निगरानी में है। अगर सही तरीके से जांच हो, तो कई तहसीलदार और नायब तहसीलदार इस भ्रष्टाचार में फंस सकते हैं।
एंटी करप्शन ब्यूरो की जांच शुरू, अंदरूनी रिपोर्ट तलब
हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो ने इन तहसीलों को अपने रडार पर रखा है और संबंधित विभागों से अंदरूनी रिपोर्ट मांगी गई है। अधिकारियों का मानना है कि इससे भ्रष्ट अधिकारियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई को आसान बनाया जा सकेगा।