
कब्जा से 04 पासपोर्ट व 04 मोबाईल फोन बरामद। कम्बोडिया व लाओस में 50 हजार से भी अधिक साईबर ठग दे रहे है डिजिटल अरेस्ट व इन्वेस्टमेंट फ्रॉड करने की वारदातों को अंजाम। गुरुग्राम: 2 सितम्बर , एक व्यक्ति ने पुलिस थाना साईबर अपराध पश्चिम, गुरुग्राम में एक लिखित शिकायत के माध्यम से बतलाया कि इसके पास एक फोन कॉल आया और फोन करने वाले ने स्वयं को संचार विभाग का कर्मचारी बताया और कहा कि आपका नंबर गलत एक्टिविटीज में इस्तेमाल हुआ
कब्जा से 04 पासपोर्ट व 04 मोबाईल फोन बरामद।
कम्बोडिया व लाओस में 50 हजार से भी अधिक साईबर ठग दे रहे है डिजिटल अरेस्ट व इन्वेस्टमेंट फ्रॉड करने की वारदातों को अंजाम।
गुरुग्राम: 2 सितम्बर , एक व्यक्ति ने पुलिस थाना साईबर अपराध पश्चिम, गुरुग्राम में एक लिखित शिकायत के माध्यम से बतलाया कि इसके पास एक फोन कॉल आया और फोन करने वाले ने स्वयं को संचार विभाग का कर्मचारी बताया और कहा कि आपका नंबर गलत एक्टिविटीज में इस्तेमाल हुआ जिसके चलते आपके ऊपर कोलाबा पुलिस स्टेशन मुंबई में अभियोग दर्ज दर्ज हुआ है, फिर उन्होंने फर्जी पुलिस अधिकारी से बात करवाई व फर्जी पुलिस अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता का नाम मनी लॉन्ड्रिंग केस में बताकर कहा कि इसका गिरफ्तारी का वारंट निकाला गया है, फिर इसको डराते हुए इसको डिजिटल अरेस्ट करके इससे रुपए ट्रांसफर करवा लिए। इस शिकायत पर पुलिस थाना साईबर अपराध पश्चिम, गुरुग्राम में सबन्धित धाराओं के तहत अभियोग अंकित किया गया।
प्रियांशु दीवान सहायक पुलिस सहायक साईबर अपराध, गुरुग्राम के नेतृत्व में कार्यवाही करते हुए गुरुग्राम की पुलिस टीम ने उपरोक्त अभियोग में 01 आरोपी को दिनांक 27.08.2025 को लुधियाना (पंजाब) से काबू करके अभियोग में नियमानुसार गिरफ्तार किया गया। आरोपी की पहचान शिवा उर्फ हर्ष (उम्र-22 वर्ष, शिक्षा बी.ए. द्वितीय वर्ष) निवासी न्यू विजय नगर, जिला लुधियाना (पंजाब) के रूप में हुई। अदालत में पेश करके 08 दिन के पुलिस हिरासत रिमांड पर लिया गया था।
CBI, TRAI व फर्जी पुलिस अधिकारी बनके डिजिटल अरेस्ट करके साईबर ठगी करने लगा।
▪️आरोपी से पुलिस पूछताछ में ज्ञात हुआ कि उपरोक्त अभियोग में ठगी गई राशि में से 50 हजार रुपए आरोपी मानव (पहले गिरफ्तार किया जा चुका है) के खाते में ट्रांसफर हुए थे। आरोपी मानव उपरोक्त आरोपी शिवा का भाई है। आरोपी शिवा ने ही आरोपी मानव का बैंक खाता अन्य व्यक्ति को 10 हजार रुपए में बेचा था। आरोपी शिवा ने बताया कि उनके पास पैसों की कमी थी जिसके चलते यह अपने अन्य साथियों के माध्यम से पहले कंबोडिया गया और वहां पर CBI, TRAI व फर्जी पुलिस अधिकारी बनके डिजिटल अरेस्ट करके साईबर ठगी करने लगा। जब कम्बोडिया में पुलिस की रेड़ हुई तो यह मार्च-2025 में लाओस चला गया और वहां चाईना मूल के लोगों द्वारा संचालित कॉल सेंटर में काम करते हुए इन्वेर्स्टमेंट फ्रॉड करने की वारदातों को अंजाम देने लगा। आरोपी दिनाँक 14 अगस्त 2025 को लाओस से भारत आया था और पुलिस द्वारा पुलिस तकनीकी की सहायता से आरोपी को काबू करके उपरोक्त अभियोग में गिरफ्तार किया।
पाकिस्तान दोस्त के साथ कंबोडिया गई थी
आरोपियों से पुलिस पूछताछ में ज्ञात हुआ कि उपरोक्त आरोपित महिला रितिका व आरोपी हेमंत दोनों आपस में भाई-बहन है। इनकी (रितिका व हेमंत) बहन मीनाक्षी जो वर्ष-2023 में अपने एक पाकिस्तान दोस्त के साथ कंबोडिया गई थी और मीनाक्षी व अपने पाकिस्तानी दोस्त के साथ मिलकर कॉल सेंटर के माध्यम से फर्जी CBI, TRAI, ED आदि विभाग के कर्मचारी बनकर लोगों को डिजिटल अरेस्ट करके साईबर ठगी का काम करने लगी। मीनाक्षी ने जुलाई-2024 में पहले हेमंत को फिर कुछ दोनों के बाद रितिका को भी कंबोडिया बुला लिया और ये सभी डिजिटल अरेस्ट करके साईबर ठगी करने लगे। उपरोक्त अभियोग में पुलिस टीम द्वारा उपरोक्त आरोपी शिवा व उसके भाई मानव को गिरफ्तार किया गया था। उपरोक्त आरोपित महिला प्राची वर्मा उर्फ परी उपरोक्त आरोपित महिला रितिका की दोस्त है और प्राची का दोस्त उपरोक्त आरोपी शिवा है। रितिका से बात होने उपरान्त उपरोक्त आरोपित महिला प्राची, आरोपी शिवा व शिवा के भाई के पत्नी/शिवा की भाभी सेजल उपरोक्त आरोपित महिला भी अगस्त-2024 में कंबोडिया चले गए और ये सभी साथ मिलकर चीन व पाकिस्तान मूल के लोग द्वारा संचालित कॉल सेंटरों के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट करके साईबर ठगी की वारदातों को अंजाम देने लगे। जनवरी-2025 में पुलिस द्वारा कॉल सेन्टर्स पर पुलिस रेड़ करने के कारण ये सभी भारत आ गए। मार्च-2025 में आरोपी शिवा के एक पाकिस्तान मूल के साथी (कम्बोडिया में दोस्ती हुई थी) ने बताया कि उसका एक साथी लाओस में रहकर कॉल सेंटर चलाता है और साईबर ठगी करता है उसके पास चले जाओ तो आरोपी शिवा, प्राची ओर सेजल (शिवा की भाभी) लाओस चले गए, जहां इसे चार्ली व नोमान मिले जो साईबर ठगी करने के लिए कॉल सेंटर चला रहे थे व साईबर फ्रॉड कर रहे थे। इन्होंने भी उनके (चीन व पाकिस्तान मूल के कॉल सेन्टर संचालक) साथ मिलकर फिर से इन्वेस्टमेंट फ्रॉड करके लोगों के साथ साईबर ठगी करना शुरू कर दिया। उसके बाद ये 14 अगस्त 2025 को भारत आए तो गुरुग्राम पुलिस द्वारा एकत्रित की गई सूचनाएं व तकनीकी सहायता से उपरोक्त आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की।