Gurugram news : भिवानी जिले में ईडी ने एक बार फिर से माईनिंग ठेकेदारों पर छापेमारी कर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है
Gurugram news : माईनिंग व्यवसाय से जुड़े कांग्रेस नेता मास्टर सतबीर रतेरा के घर आठ सदस्यीय ईडी टीम पहुंची है। जानकारी के अनुसार ईडी मा.सतबीर रतेरा बवानीखेड़ा हलके से विधानसभा की टिकट मांग रहे है। वहीं सतबीर रतेरा ने ईडी कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है। तोशाम के डाडम व खानक क्षेत्र में मास्टर सतबीर रतेरा अपनी धर्मपत्नी के नाम से माईनिंग ठेकेदारी का करते हैं कार्य।
उधर भिवानी के तोशाम कस्बे में माईनिंग ठेकेदारों व क्रेशर कार्य से जुड़े विनोद हसानिया के निवास पर भी ईडी की छापेमारी हुई है। विनोद हसानिया का खनन क्षेत्र में है पैट्रोल पंप, माईनिंग के कार्य में लगे डंपरों व गाड़ियों में तेल भरने का कार्य उन्हीं के पैट्रोल पंप से होता है संचालित।
हरियाणा के सिरसा में स्थित फर्जी फर्मों के सरगनों के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दस्तक दी। ईडी अधिकारियों ने ठिकानों को खंगालने के बाद वहां मौजूद लोगों से पूछताछ की। सुबह ईडी की टीम कपास मंडी की एक दुकान पर पहुंची। इसके बाद एफ ब्लॉक में एक सरगना के मकान में गई।
ईडी के अधिकारी ने सुबह छह गाड़ियों में सवार होकर सिरसा पहुंचे। फिलहाल ईडी की टीम सिरसा में मौजूद रहकर फर्जी फर्मों के मामले से जुड़े सभी सरगनों के ठिकानों पर जाकर पूछताछ कर रही है। वहीं, फतेहाबाद में भी ईडी ने शिव नगर इलाके में रहने वाले फर्जी फर्मों से जुड़े सरगना के घर पर रेड की। टीम ने मीडिया से किसी भी प्रकार की जानकारी सांझी करने से इनकार कर दिया।
बताया जा रहा है कि घर में शख्स, उसकी पत्नी और बेटी मौजूद थी, जिनसे टीम द्वारा पूछताछ की गई। टीम ने घर में जाते ही गेट बंद कर दिए। घर के बाहर पुलिसकर्मी तैनात रहे। पुलिसकर्मियों ने किसी को भी अंदर आने जाने नहीं दिया। इस मकान के अंदर बनी दुकान का किरायेदार भी जब सुबह अंदर जाने लगा तो उसे भी नहीं जाने दिया गया।
गौरतलब है कि सिरसा में फर्जी फर्मो से संबंधित 21 मुकदमे विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज हैं। इनमें सिरसा निवासी महेश बंसल,पदम बंसल,रमेश अरोड़ा व पदम बंसल के पुत्र अमित बंसल सहित कई आबकारी व कराधान विभाग के छह अधिकारी आरोपी हैं। काफी समय जेल में रहने के बाद पदम बंसल सहित कई आरोपियों को जमानत मिल चुकी है जबकि महेश व अमित बंसल अभी भी जेल में हैं। इस मामले की जांच करते विजिलेंस को पता चला था कि सिरसा में फर्जी फर्म चलाने का खेल वर्ष 2010 से 2015 तक खूब चला। आरोपियों ने करीब 27 फर्जी फर्म बनाकर 54 करोड़ रुपये तक रिफंड ले लिया। आरोपी फर्जी नाम पर फर्म बनाते, उसके बाद नकली बिल काटते और सरकार से जीएसटी रिफंड करवा लेते थे।