हरियाणा , राजस्थान को एसवाईएल नहर का एक बूंद पानी नहीं मिलेगा
चंडीगढ़ 17 जनवरी 2024। सतलुज यमुना लिंक नहर विवाद सुलझाने का नाम नहीं ले रहा तथा एसवाईएल नहर का मुद्दा हरियाणा , पंजाब की राजनीति गर्मी लाए हुए हैं और दोनों प्रदेश के मुख्यमंत्री एसवाईएल नहर के निर्माण को लेकर आपस में टकराते रहते हैं लेकिन पंजाब सरकार ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है एक बूंद भी पानी ना राजस्थान को मिलेगा ना हरियाणा को मिलेगा। जिसको लेकर हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में आपस में मुख्यमंत्री बैठक तो कर चुके हैं मगर किसी नतीजे पर नहीं पहुंच रहे हैं।
नदी जल बंटवारे को लेकर 1966 में पंजाब की उन गठन और हरियाणा राज्य के निर्माण के बाद टकराव जैसी स्थिति बनी हुई है हरियाणा ने पंजाब के कुल 8 , 9 अरब घन मीटर पानी में से 5,9 अरब घन मीटर पानी की मांग रखी हुई हैं जबकि पंजाब सरकार का दावा है कि जिस प्रदेश की भूमि से नहर जा रही है इस प्रदेश का उसे नहर के पानी पर हक बनता है।
सतलुज यमुना लिंक नहर के मुद्दे पर पंजाब के मुख्यमंत्री का दो टूक जवाब बोले हमारे पास किसी को बांटने के लिए पानी नहीं है।
कांग्रेस शासन में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री रहे कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने हरियाणा को सतलुज यमुना लिंक नहर के पानी देने के लिए हरियाणा सरकार को चक्कर कटवाते रहे लेकिन एक बूंद पानी की हां नहीं भारी वहीं भाजपा गठबंधन से पंजाब के मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल ने भी हरियाणा को एक बूंद पानी नहीं दिया और हरियाणा में विभिन्न दलों की सरकार के मुखिया दावा करते रहे सतलुज यमुना लिंक नहर का पानी लेकर रहेंगे मगर इन मुख्यमंत्री ने हरियाणा को हमेशा ही नकारा और पानी बंटवारे को लेकर टकराव बनता रहा।
आम आदमी पार्टी की सरकार ने हरियाणा सरकार को स्पष्ट कर दिया है कि उनके पास पानी नहीं है
पंजाब सरकार में मुख्यमंत्री भागवत मान ने स्पष्ट तौर पर हरियाणा सरकार को कह दिया है कि उनके पास फालतू पानी नहीं है और यमुना सतलुज नहर उनके प्रदेश से गुजरती है जिससे उनका हक इस नहर के पानी पर बनता है जहां तक हरियाणा सरकार का सवाल है सरकार को एक बूंद पानी नहीं देंगे चाय कहीं भी चली जाए सरकार।
उच्चतम न्यायालय केंद्र सरकार से मध्यस्थता करने के लिए कह चुका है
पंजाब सरकार ना तो केंद्र सरकार के बस में आ रही है नहीं उच्चतम न्यायालय के जबकि उच्चतम न्यायालय हरियाणा के हक में सतलुज यमुना लिंक नहर का पानी हरियाणा को देने के लिए कई बार कह चुका है मगर पंजाब सरकार एक बूंद पानी देने के लिए तैयार नहीं है।
हरियाणा और सतलुज यमुना लिंक नहर को लेकर राजनीति कर रहे हैं
पंजाब और हरियाणा सरकार सतलुज यमुना लिंक नहर का पानी को लेकर राजनीति कई वर्षों से करती आ रही है मगर समाधान के नाम पर मात्र बैठकर होकर समाप्त हो जाती हैं कोई हल नहीं निकलता कई बार जल मंत्री के साथ बैठक हुई मगर बैठक सफल नहीं रही पंजाब के मुख्यमंत्री स्पष्ट तौर पर मना कर चुके हैं उच्चतम न्यायालय केंद्र सरकार को मध्यस्थता करने के लिए आदेश दे चुका है मगर सब पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
पाकिस्तान को जा रहा है सतलुज यमुना लिंक नहर का पानी भारत के प्रदेशों को नहीं
सतलुज यमुना लिंक नहर का पानी पंजाब से होते हुए पाकिस्तान में जा रहा है केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह हरियाणा की रैलियां में कह चुके हैं की सतलुज यमुना लिंक नहर का पानी पाकिस्तान में नहीं जाएगा राजस्थान पंजाब और हरियाणा में आएगा मगर केंद्रीय गृहमंत्री के जनसभाओं के बयान से प्रदेश के लोगों को आज जरूर जगी थी लेकिन अभी तक बैठकर चल रही है पानी पर कोई फैसला नहीं हुआ जबकि राजस्थान हरियाणा इस नहर के पानी के लिए कई बार राजनीतिक बैठकर कर चुके हैं सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी आदेश हो चुका है मगर स्थिति पहले की तर्ज पर बनी हुई है।
कब मिलेगा राजस्थान हरियाणा को एसवाईएल नहर का पानी
लोकसभा चुनाव सर पर है और केंद्र में भाजपा की सरकार है फिर लोकसभा चुनाव में एसवाईएल नहर नहर का मुद्दा बनने जा रहा है केंद्र सरकार के मंत्री हरियाणा को उसके हक का पानी दिलवाने की वकालत कर चुके हैं मगर पंजाब सरकार स्पष्ट तौर पर मना कर चुकी है अब देखना यह है कि लोकसभा चुनाव में या मुद्दा कितना गमाता है या भूल जाता है।