‘आवारा कुत्तों से ज्यादा अहम हैं इंसान’, हाईकोर्ट ने कहा- पशु प्रेमियों को जारी किए जाएं लाइसेंस
केरल 7 मार्च 2024| हाईकोर्ट के जस्टिस पीवी कुंजीकृष्णन की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य सरकार को आवारा कुत्तों के मुद्दे पर केंद्र सरकार के साथ मिलकर एक गाइडलाइन तैयार करनी चाहिए और अगर जरूरी हो तो इसके लिए एक योजना भी बनानी चाहिए|
केरल हाई कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि इंसानों को आवारा कुत्तों से ज्यादा महत्व दिया जाना चाहिए. हाई कोर्ट ने कहा कि अगर पशु प्रेमी आवारा कुत्तों के लिए कुछ करना चाहते हैं तो उनके लिए स्थानीय निकाय को नियमों के तहत लाइसेंस जारी करने चाहिए। हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि पशु प्रेमियों को आवारा कुत्तों से होने वाली समस्याओं के बारे में भी जागरूक होना चाहिए.
इस मामले पर हाईकोर्ट ने की सुनवाई
दरअसल कन्नूर के रहने वाले राजीव कृष्णन नाम के व्यक्ति के पड़ोसियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में कहा गया था कि राजीव के घर में आवारा कुत्तों को गंदे तरीके से रखा जाता है। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि इससे उनके रिहायशी इलाके में बीमारियां फैलने का खतरा होता है। इस पर हाईकोर्ट की जस्टिस पीवी कुंजीकृष्णन की पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य सरकार को आवारा कुत्तों के मुद्दे पर केंद्र सरकार के साथ मिलकर एक गाइडलाइन तैयार करनी चाहिए और अगर जरूरत पड़े तो इसके लिए योजना भी बनानी चाहिए।
नियमों के तहत लाइसेंस दिया जाना चाहिए
हाई कोर्ट ने कहा कि जानवर प्रेमियों को अगर आवारा जानवरों की सुरक्षा की चिंता है तो उन्हें स्थानीय सरकारी संस्थानों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। अदालत ने कहा कि पशु प्रेमियों को पशु जन्म नियंत्रण नियमों और केरल नगर पालिका अधिनियम के तहत आवारा कुत्तों को रखने का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए स्थानीय अधिकारियों से संपर्क करना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि आवारा कुत्तों की सुरक्षा की जानी चाहिए, लेकिन इंसानी जान की कीमत पर नहीं|