IAS Hitesh Kumar Interview : जो किसान परिवार में पैदा हुए, सीमित संसाधनों में पढ़ाई की, दो बार सिविल सेवा परीक्षा में असफल हुए, सफलता के लिए लगा दी जान
IAS Hitesh Kumar Interview : दुनिया की सबसे बड़ी ख़ुशी तब हासिल होती है जब बचपन में देखे हुए सपने को हम आगे चलकर पूरा कर पाते है ! हम बात कर रहे हैं हितेश कुमार की , जिनका जन्म किसान परिवार में हुआ, सीमित संसाधनों में पढ़ाई की, दो बार सिविल सेवा परीक्षा (CSE) में असफल हुए पर बिना हार और थके सफलता के लिए दोबारा प्रयास किया और बचपन से की मेहनत और ऊंचा सपने ने यहाँ तक पहुंचाया !
राजस्थान के करौली जिला के गाधौली गांव के किसान परिवार में जन्मे हितेश ने प्रारंभिक पढ़ाई गांव से की। 10वीं कक्षा पूरी करने के बाद महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब वह आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए कोटा चले गए। उन्होंने प्रवेश परीक्षा पास की, IIT-BHU (वाराणसी) में उनका दाखिला हुआ, जहां उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक पूरा किया।
हितेश कुमार बताते है कि चुनौतियों से घबराए बिना, उनकी शैक्षणिक यात्रा जारी रही और उन्होंने ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (GATE) के माध्यम से ट्रांसपोर्टेशन इंजीनियरिंग में एम.टेक के लिए IIT-Delhi में प्रवेश प्राप्त कर लिया। हालाँकि सिविल सेवा में आने का उनका इरादा अचानक नहीं बना ! बी. टेक करते समय ही उनके अंदर का प्रशासनिक अधिकारी जाग गया था !
Watch Full Interview :- https://youtu.be/nBjAmovQaRs
हितेश कहते हैं, “मैं हमेशा मानता था कि शिक्षा एक ऐसा टूल है जिसके माध्यम से मैं कुछ भी हासिल कर सकता हूं।” सिविल सेवाओं में करियर का विचार उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने का एक आदर्श माध्यमबना । उनके दादा-दादी, किसान थे जिन्होंने अदम्य साहस के साथ विपरीत परिस्थितियों का सामना किया, उनकी प्रेरणा का आधार बने। हालाँकि पड़ाव को पार करना आसान नहीं था ! समय के साथ खुद को निखारना ,खुद पर काम करने का एक जीता जागता उदाहरण है हितेश कुमार ! ढृढ़ संकल्प के साथ जीवन के विपरीत परिस्थिति में भी लोहे की तरह तपते हुए कैसे मुकाम बनाना है यह हितेश कुमार से आसानी से सीखा जा सकता है ! बातचीत के दरमियां उनसे पूछे गए कुछ सवाल जिनके जवाब इस प्रकार से दिया हितेश ने :
आप देश के युवाओं, सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स को अपने एक्सपीरियंस के थ्रू कोई टिप देना चाहेंगे ?
इसपर हितेश कुमार का कहना है कि किसी भी परीक्षा को पास करने के लिए एक सही तरीके का रणनीति का होना बेहद जरूरी है ! एक खांचा तैयारी शुरू करने के पहले ही मन में बन जाना चाहिए तभी उसका अनुसरण करते हुए हम अपने मंजिल तक पहुंच सकते है साथ ही साथ एक सही दिनचर्या का होना भी महत्व रखता है ! इन सब बातों पर हितेश ने शुरू से अमल किया तभी तो मात्र 24 साल की उम्र में उन्होंने देश के सर्वोच्च सेवा में अपना स्थान बनाया ! वे हालाँकि 2 बार असफल भी हुए लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और फिर प्रयास किया।
IAS हितेश से हमने उनकी प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने से लेकर IAS बनने तक के सफर के बारे मे पूछा
इसमें हितेश ने बताया की उन्होंने अपनी पढ़ाई मे काफी मुश्किल जीवन जिया है क्युकी हितेश की माँ पढ़ी लिखी नहीं थी जिस वजह से से अपनी 10वी पूरी करने के बाद हितेश आगे की पढ़ाई के लिए कोटा चले गए। हितेश के अंदर जस्बे और विश्वास के साथ हितेश ने इंजीनियरिंग के साथ साथ IAS की पढ़ाई भी की।
अन्ततः उनकी मेहनत रंग लाई और सिविल सर्विसेस की तीनों परीक्षाओं में सफलतापूर्वक पास हुए। हितेश IAS बने। जिसका सपना उन्होंने बचपन में देखा था। कहा जाता है जब आप सपने देखना शुरू कर देते हो वो भी कुछ बड़ा करने की तो फिर आकांक्षाएं और सपने टकराते है और उसका परिणाम होता है यश ! ऐसे ही परिश्रम करके देश के सर्वोच्च सेवा में नाम बनाने वाले है हितेश कुमार जिन्होंने ग्रामीण पृष्टभूमि से निकलकर खुद को साबित किया ! वर्तमान में एडीसी गुरुग्राम के रूप में तैनात, हितेश कुमार मीना ने उन सभी चुनौतियों का सामना किया, जिनसे अक्सर घबराने वालों का रास्ता खत्म हो जाता है।