
भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखने, व्यापार संतुलन चर्चा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तियानजिन, चीन यात्रा और SCO समिट 2025 में भागीदारी 2026 में भारत में प्रस्तावित BRICS शिखर सम्मेलन में भाग लेने का निमंत्रण भी दिया।
भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखने, व्यापार संतुलन चर्चा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तियानजिन, चीन यात्रा और SCO समिट 2025 में भागीदारी
2026 में भारत में प्रस्तावित BRICS शिखर सम्मेलन में भाग लेने का निमंत्रण भी दिया।
बीजिंग 1 सितम्बर , प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 31 अगस्त एवं 1 सितम्बर 2025 को चीन के तियानजिन शहर में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लिया। यह समिट संगठन का 25वां वार्षिक सम्मेलन था जिसमें SCO सदस्य देशों, पर्यवेक्षक देशों और संवाद भागीदारों के प्रमुखों ने भाग लिया।
सम्मेलन के मुख्य बिंदु:
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प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में आतंकवाद को मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया और कहा कि भारत चार दशकों से आतंकवाद का सामना कर रहा है। उन्होंने पुंछ और पहलगाम में हाल की घटनाओं का उल्लेख करते हुए वैश्विक समुदाय से आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट प्रयास का आह्वान किया।
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भारत ने सीमा पार आतंकवाद, कट्टरपंथ और आतंकवाद को प्रायोजित करने वाली ताकतों पर कठोर रुख अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
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प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और राष्ट्रपति शी जिनपिंग से अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकों में भाग लिया। इन बैठकों में क्षेत्रीय सुरक्षा, व्यापार, ऊर्जा, रक्षा और सीमा प्रबंधन जैसे विषयों पर व्यापक चर्चा हुई।
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प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने SCO समिट के पश्चात एक ही वाहन (रूसी ‘Aurus’ कार) में द्विपक्षीय बैठक स्थल तक यात्रा की। यह दोनों नेताओं के बीच परस्पर विश्वास और गहन रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक है।
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राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को ‘होंगकी L5’ (Red Flag) कार में SCO समिट स्थल तक ले जाया गया, जो चीन की सबसे प्रतिष्ठित और राष्ट्रपति की आधिकारिक कार मानी जाती है।
- भारत शांति, संवाद और विकास के रास्ते को ही अपना मार्ग मानता है।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई चर्चा में भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखने, व्यापार संतुलन, और जनसंपर्क बढ़ाने की आवश्यकता पर सहमति बनी। प्रधानमंत्री ने सीमा मुद्दों को शांतिपूर्ण और परस्पर सम्मान के आधार पर सुलझाने की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रधानमंत्री ने शी जिनपिंग को 2026 में भारत में प्रस्तावित BRICS शिखर सम्मेलन में भाग लेने का निमंत्रण भी दिया।
SCO के आर्थिक प्रस्ताव:
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चीन ने SCO के लिए विकास बैंक की स्थापना का प्रस्ताव रखा।
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शी जिनपिंग ने SCO सदस्य देशों को 1.4 अरब डॉलर के ऋण और अनुदान की घोषणा की।
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सदस्य देशों ने SCO को सुरक्षा से आगे बढ़कर आर्थिक सहयोग और वैश्विक शासन के एक वैकल्पिक मंच के रूप में स्थापित करने पर बल दिया।
प्रधानमंत्री का निष्कर्ष वक्तव्य:
प्रधानमंत्री ने अपने समापन भाषण में कहा:
“हमारा क्षेत्र आतंकवाद, कट्टरपंथ और अवैध व्यापार जैसी कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। हमें मिलकर एक स्थिर, सुरक्षित और समावेशी भविष्य की ओर बढ़ना है। भारत शांति, संवाद और विकास के रास्ते को ही अपना मार्ग मानता है।