
जयपुर –
जयपुर की गुलाबी नगरी में रक्षाबंधन का पावन पर्व बड़े धूमधाम से मनाया गया। गोविंद देव जी मंदिर में भक्तों की श्रद्धा और प्रेम का अद्भुत समागम देखने को मिला। सुबह से ही भक्तों का तांता मंदिर प्रांगण में लग गया — बहनों ने ठाकुर जी (गोविंद देव जी) तथा राधाजी को “सनहरी कलाबूत की राखी” अर्पित कर स्नेह की डोर बाँधी, साथ ही प्रारंभिक झाँकी में विशेष राखियाँ सजाईं गईं ।
भक्तों ने श्रद्धा पूर्वक गोविंद देव जी की आराधना की, और भाई-बहन के अटूट बंधन का यह मंदिर समारोह प्रेम और भक्ति का प्रतीक बन गया। भक्तों की भीड़ बढ़ते प्रेम-भक्ति की शक्ति को दर्शा रही थी ।
शहर भर के बाज़ारों में रक्षाबंधन की तैयारियों ने रंगत बिखेरी — मणिहारों का रास्ता, जोहरी बाजार, चांदपोला बाजार, सभी जगह रिवाड़ियाँ — राखियों, मिठाइयों और उपहारों की खरीद-फरोख्त के लिए लोग उमड़ पड़े। इस उत्सव में बहनें सिर्फ भाई तक नहीं, साली, भांजे-भांजी को भी राखी और मिठाई देकर परिवार के तक Broadway प्यार का विस्तार कर रही थीं । इसके साथ, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंडों पर श्रद्धालुओं और यात्रियों की भीड़ रही — खासकर गांधी नगर स्टेशन पर — जहां हर किसी की मंज़िल ‘परिवार’ ही थी ।
रक्षाबंधन का यह दिन केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि भक्ति, श्रद्धा, और पारंपरिक भावनाओं का पावन संगम था। बहनों ने ठाकुरजी को राखी बाँधी, और ठाकुरजी ने अपने भक्तों को आशीर्वाद से बांधा — प्रेम और रक्षा का यह मील का दिन, जयपुर में आज बहन-भाई संबंधों को और गहरा कर गया।