नेता प्रमोद यादव के पिता की भी इसी तरह हुई थी हत्या, 44 साल पुरानी यादें हुईं ताजा; परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा
सिकरारा (जौनपुर) 08 मार्च 2024। भाजपा के जिला मंत्री प्रमोद यादव की गुरुवार की सुबह गोलियों से छलनी कर हत्या की वारदात ने करीब 44 वर्ष पूर्व इसी अंदाज में हुई उनके पिता राजबली यादव को मौत के घाट उतारने की वारदात की याद ताजा कर दी। गंवई राजनीति ही पिता के बाद पुत्र की भी हत्या का कारण बनी। प्रमोद यादव की हत्या रायबरेली-जौनपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बोधापुर गांव के मोड़ पर की गई थी, जहां से लगभग 500 मीटर दूर उनके पिता की 1980 में गांव जाते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
बोधापुर गांव निवासी राजबली यादव युवावस्था से ही जनसंघ से जुड़कर राजनीति करते रहे। उनका एक मकान शहर के गूलरघाट में भी है। मौजूदा समय में मल्हनी विधानसभा क्षेत्र का नाम तब रारी हुआ करता था। जनसंघ के टिकट पर राजबली यादव वर्ष 1977 व 1979 में रारी से चुनाव लड़े थे। हालांकि, दोनों ही बार उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था।
गांव के रास्ते पर ही हुई थी राजबली यादव की हत्या
वर्ष 1980 में वह गूलरघाट वाले मकान से देररात बाइक से गांव वाले घर जा रहे थे। मुख्य मार्ग से गांव के रास्ते पर मुरकुटा महावीर मंदिर के पास अज्ञात हमलावरों ने राजबली यादव की गोली मारकर हत्या कर दी थी। तब प्रमोद यादव की उम्र लगभग 14 वर्ष थी। युवावस्था में जब प्रमोद यादव को राजनीति करने का मन हुआ तो वे अपने पिता की तरह जनसंघ के स्थान पर अस्तित्व में आई भाजपा में शामिल हो गये। प्राइवेट बस चलाने और खेती करने के साथ-साथ उन्होंने राजनीति को भी पर्याप्त समय दिया।
प्रमोद यादव सिकरारा ब्लॉक प्रमुख का भी चुनाव लड़ चुके थे। उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वर्ष 2012 में भाजपा ने मल्हनी विधानसभा सीट से प्रमोद यादव को अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया था। पर्चा निरस्त हो जाने के कारण वह चुनाव नहीं लड़ सके थे।
भाजपा ने जिले की राजनीति में प्रमुख ओबीसी चेहरा दर्शाते हुए भाजपा किसान मोर्चा की जिला इकाई का अध्यक्ष बनाया था। कार्यकाल समाप्त होने पर सक्रियता व संगठन के प्रति समर्पण देखते हुए पार्टी की जिला इकाई में मंत्री पद का दायित्व दे रखा था। मृत प्रमोद यादव के भतीजे संजय यादव की तहरीर पर एक नामजद व तीन अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर पुलिस छानबीन में जुटी है।
बोधापुर गांव में पसरा सन्नाटा, स्वजन के नहीं थम रहे आंसू
पोस्टमार्टम के पश्चात प्रमोद यादव के पार्थिव शरीर को भाजपा के झंडे में लपेटा गया। स्वजन शव लेकर घर पहुंचे तो करुण क्रंदन होने लगा। सदमे की हालत में पत्नी कलावती देवी शव से लिपट कर रोने लगीं. वह अपने पति के सामाजिक कार्यों का जिक्र करते हुए बार-बार पूछ रही थीं कि उनकी शादी किसने और क्यों बर्बाद की| पांच भाइयों में दूसरे नंबर के प्रमोद यादव भी समाज सेवा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे। बैंक में कार्यरत बड़ा बेटा सिद्धार्थ पिता की हत्या की खबर मिलते ही जिला अस्पताल पहुंच गया। छोटा बेटा सिद्धांत यादव उर्फ बब्लू एलएलबी की पढ़ाई कर रहा है और बेटी रूबी इंजीनियरिंग की तैयारी कर रही है। प्रमोद के भाइयों का भी रो-रोकर बुरा हाल है।
रामघाट पर की गई अंत्येष्टि, लोगों की आंखें हुईं नम
घर से देरशाम अंतिम यात्रा शुरू हुई तो शामिल होने के लिए भाजपा के जिले के शीर्ष नेताओं सहित कार्यकर्ताओं व समर्थकों का सैलाब उमड़ पड़ा। पार्थिव शरीर भाजपा कार्यालय ले जाया गया। जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह, एमएलसी बृजेश कुमार सिंह प्रिंसू, जौनपुर संसदीय क्षेत्र के प्रत्याशी कृपाशंकर सिंह, ओम प्रकाश सिंह समेत अन्य कई नेताओं ने माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। वहां से पार्थिव शरीर रामघाट ले जाया गया जहां गम व गुस्सा के बीच अंतिम संस्कार किया गया। मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं।
चार संदिग्ध भी पुलिस की हिरासत में
भाजपा नेता प्रमोद यादव के भतीजे संजय यादव की तहरीर पर पुलिस एक नामजद और तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच कर रही है| पुलिस चार संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। पुलिस अधीक्षक डा. अजय पाल शर्मा ने कहा कि हत्या में आरोपितों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण शैलेंद्र कुमार सिंह के निर्देशन में आरोपितों की गिरफ्तारी को पांच टीमों का गठन किया गया है।
रेकी कर आए थे बदमाश, पेशेवर हत्यारों की तरह मारी गोली
गांव के ही मोड़ पर भाजपा नेता प्रमोद यादव की लबे रोड ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर जिस तरह से हत्या की गई उससे लोग यही कयास लगा रहे हैं कि हत्या करने वाले पेशेवर अपराधी थे। दिन दहाड़े बदमाशों ने जिस तरह गोलियां मारी उससे लोग हतप्रभ हैं। राहगीरों की मानें तो हत्या करने के बाद बदमाश लालाबाजार की तरफ हवा में तमंचा लहराते हुए भागे। मौके से कुछ दूर पर ही प्रमोद यादव का भतीजा संजय यादव भी गांव के कुछ लोगों के साथ थे।
गोली चलने की आवाज सुनकर देखा कि गाड़ी उनके चाचा की है तो वह दौड़े पर बदमाश फरार होने में कामयाब हो गए। एक राहगीर ने बताया कि भागते समय बदमाश लालाबाजार-शिवगुलामगंज मार्ग पर सड़क पार कर रहे राहगीरों से टकराकर गिर पड़े तो वहीं एक शराब की दुकान पर मोटरसाइकिल छोड़कर दूसरी मोटरसाइकिल से भाग गए। पुलिस की माने तो हत्या से पहले भाजपा नेता की रेकी की गई थी। ऐसे में हत्यारोपित पेशेवर प्रतीत होते हैं।