लोकसभा चुनाव 2024: राजद के लिए 2025 की राह मुश्किल, जदयू-भाजपा विधायकों को अपने पाले में करने का दांव पड़ा उल्टा
पटना 29 मार्च 2024। विधानसभा के बजट सत्र में सरकार बनाने के लिए बेचैन राजद ने साल 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले सरकार बनाने की आस छोड़ दी है।
यह इससे पता चलता है कि राजद अपने विधायकों को लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बना रहा है। जोड़ तोड़ से जब तक सरकार बनने की आस थी, राजद ने अपने विधायकों को कह दिया था कि वे लोकसभा चुनाव लड़ने के बारे में न सोचें। लेकिन, अपने विधायकों के दलबदल के बाद राजद ने 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले सरकार बनाने का इरादा छोड़ दिया है|
राजद का दांव उसी पर भारी
इस साल 28 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महागठबंधन से नाता तोड़ कर राजग में शामिल हो गए। 12 फरवरी को उन्होंने विश्वासमत हासिल किया। महागठबंधन ने विश्वास मत के दौरान ही सरकार को अपदस्थ करने की योजना बनाई। जदयू और भाजपा के आठ विधायकों को अपने पक्ष में लाने का प्रयास किया। लेकिन, दांव उलट गया।
जदयू के एक विधायक अनुपस्थित रहे। जबकि राजद के तीन विधायक पाला बदलकर सत्ता पक्ष में बैठ गए। सरकार को विश्वास मत मिल गया, लेकिन उसके बाद भी राजद का प्रयास जारी रहा। रणनीति यह बनी कि राजग के विधायकों को अपने पक्ष में करने का अभियान जारी रखा जाए।
महागठबंधन में लग गई सेंध
इधर, महागठबंधन के विधायकों की संख्या कम होती गई। तीन के बाद राजद के दो और विधायक सत्ता पक्ष में बैठ गए। कांग्रेस के दो विधायकों ने भी सत्ता पक्ष का रुख किया। भाकपा माले के एक विधायक की सदस्यता समाप्त हो गई। इसका प्रभाव यह पड़ा कि वर्तमान में 242 सदस्यों वाली विधानसभा में महागठबंधन के विधायकों की प्रभावी संख्या 114 से घटकर 106 रह गई है।
जदयू विधायक बीमा भारती को राजद ने अपना उम्मीदवार बनाया है। इससे यह भी प्रमाणित होता है कि राजद ने जदयू-भाजपा विधायकों को अपने पाले में करने के लिए संपर्क किया था। उसे भी प्रलोभन दिया गया. उनका विधायक सिर्फ नामांकन के दिन ही दूसरी पार्टी से जा सकता है. क्योंकि यह दल-बदल विरोधी कानून के तहत स्वत: दल-बदल का मामला होगा|
राजद ने अपने दो विधायकों सुरेंद्र यादव और कुमार सर्वजीत को लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया है। यह चुनाव परिणाम पर निर्भर है कि ये विधायक चुनाव के बाद लोकसभा जाते हैं या नहीं। यह विधायकों की संख्या कम होने का डर ही है कि राजग के घटक दलों-भाजपा और जदयू ने किसी विधायक को टिकट नहीं दिया। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संस्थापक जीतन राम मांझी एनडीए घटक दल से एकमात्र विधायक हैं जो चुनाव लड़ रहे हैं|