लखनऊ में आज स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपनी नियमितीकरण की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया। ये कर्मचारी लंबे समय से अस्थायी आधार पर कार्य कर रहे हैं और अपनी सेवाओं को नियमित करने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों और पुलिस के बीच तीखी झड़प हो गई, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने अस्थायी कर्मचारियों के नियमितीकरण के वादे को अब तक पूरा नहीं किया है। उन्होंने कहा कि वे वर्षों से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने उनकी मांगों को नजरअंदाज कर दिया है। इस नाराजगी के चलते कर्मचारी सड़कों पर उतर आए और जोरदार प्रदर्शन किया।
जैसे ही प्रदर्शनकारियों ने आगे बढ़ने की कोशिश की, पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, जिसके कारण दोनों पक्षों में झड़प हो गई। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बल का प्रयोग किया, जिससे प्रदर्शनकारियों में और भी आक्रोश फैल गया। इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों के घायल होने की भी खबरें आई हैं।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे अपनी मांगों को लेकर संघर्ष जारी रखेंगे और जब तक उन्हें नियमित नहीं किया जाता, वे शांत नहीं बैठेंगे। उन्होंने सरकार से अपनी मांगों को तुरंत पूरा करने की अपील की और कहा कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गईं, तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे।
इस बीच, सरकार की ओर से अभी तक कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है, लेकिन अधिकारियों ने कहा है कि वे स्थिति पर नजर रख रहे हैं और जल्द ही इस पर कार्रवाई करेंगे।
इस घटना ने लखनऊ में स्वास्थ्य कर्मचारियों की नाराजगी को सामने ला दिया है, और यह देखना होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है। यह मामला अब न केवल कर्मचारियों की नियमितीकरण की मांग का है, बल्कि सरकारी सेवाओं में अस्थायी कर्मचारियों के अधिकारों और उनके प्रति सरकार की जिम्मेदारी का भी बन चुका है।
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