इंफाल। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि उन्होंने जातीय हिंसा से प्रभावित राज्य में मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए 10 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने यह भी कहा कि रविवार को मुख्यमंत्री सचिवालय में हुई बैठक के दौरान ‘सार्थक चर्चा’ हुई।
सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ”मणिपुर में मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री सचिवालय में 10 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की।” उन्होंने कहा, ”सार्थक चर्चा हुई, जो हमारे राज्य की भलाई के लिए चुनौतियों से पार पाने और सामूहिक रूप से काम करने की एकजुट प्रतिबद्धता को दर्शाती है।”
कांग्रेस विधायक दल के नेता ओकराम इबोबी ने रविवार को हुई बैठक के बाद कहा, ”10 राजनीतिक दलों ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे प्रधानमंत्री से मिलने का समय लें और आठ महीने से अधिक समय से जारी संकट को समाप्त करने के लिए उनसे हस्तक्षेप करने को कहें।” इबोबी ने कहा, ”लोगों के जीवन और संपत्ति की रक्षा करना राज्य सरकार का कर्तव्य है और राज्य को केंद्र से इसके लिए आवश्यक जनशक्ति और संसाधनों की मांग करने का अधिकार है।”
कांग्रेस, जनता दल, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी उन दलों में शामिल थे, जिनके प्रतिनिधियों ने बैठक में हिस्सा लिया। पिछले साल मई से जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में 180 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद तीन मई को हिंसा भड़क उठी। मणिपुर की आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। आदिवासियों की आबादी करीब 40 प्रतिशत है जिनमें नगा और कुकी शामिल हैं और ये लोग पहाड़ी जिलों में रहते हैं।
मुख्यमंत्री ने रविवार को सत्तारूढ़ गठबंधन के राज्य मंत्रियों और विधायकों के साथ भी बैठक की। हालांकि, वांगजिंग टेंथा के विधायक पोनम ब्रोजेन और उरीपोक के विधायक के रघुमणि समेत पांच विधायक बैठक में शामिल नहीं हुए।
एक अधिकारी के अनुसार, ब्रोजेन और रघुमणि ने चिकित्सा कारणों का हवाला दिया था। ब्रोजेन ने पिछले साल अप्रैल में मणिपुर विकास सोसायटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। गत अप्रैल में ही रघुमणि ने मणिपुर नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।