Mukhtar Ansari Death: देश-विदेश तक फैला था माफिया मुख्तार का यह कारोबार, तस्करी कर कमाए खूब रुपये
वाराणसी 29 मार्च 2024। Mukhtar Ansari Death मुख्तार का आर्थिक साम्राज्य विदेशों तक फैला हुआ था। उसका गिरोह हर उस कारोबार में हाथ डालता था जिसमें कमाई होती थी। उसकी मोटी कमाई का जरिया मछली कारोबार था जिसकी जड़ें देश के कई राज्यों समेत नेपाल व बैंकाक तक भी फैली थीं।
मुख्तार अंसारी गिरोह से संबंध रखने वाले मछली कारोबारियों ने आंध्र प्रदेश को अपनी आर्थिक राजधानी बनाया था।यहां से छपरा और मुजफ्फरनगर समेत बिहार के कई जिलों में मछली की आपूर्ति की जाती थी. साथ ही उनका साम्राज्य मऊ, ग़ाज़ीपुर, आज़मगढ़, वाराणसी सहित पूरे पूर्वांचल में फैला हुआ था। गिरोह हर दिन 50 से 100 ट्रक मछली का व्यापार करता था। गिरोह एक ट्रक मछली से डेढ़ से दो लाख रुपये की कमाई होती थी|
मुख्तार के आर्थिक साम्राज्य को तोड़ने में लगी पुलिस को जानकारी मिली थी कि एक ट्रक में करीब 20 लाख रुपये की मछली आती थी। मुख्तार ने अपने काले कारोबार की शुरुआत मंडी के ठेके से की थी। इसी चक्कर में उसने पहली बार हत्या की थी। उसने रेलवे का स्क्रैप और कोयले के कारोबार में भी खूब रुपये कमाए।
एक समय ऐसा भी था कि पूर्वांचल से लेकर पश्चिम यूपी तक रेलवे के स्क्रैप और कोयले का कोई ठेका बिना मुख्तार की सहमति के नहीं उठता था। 1995 के बाद इस कारोबार में उन्नाव के एमएलसी अजित सिंह का दखल हुआ. उनसे मिल रही चुनौती को खत्म करने के लिए मुख्तार ने अतीक अहमद से हाथ मिला लिया था. बदले में अतीक ने मुख्तार को पूर्वांचल में विवादित संपत्तियों की खरीद-फरोख्त के कारोबार में एंट्री दे दी|
मुख्तार गिरोह सरकारी विभागों के ठेके में भी अपनी दखलअंदाजी करता था। रेशम की तस्करी, मोबाइल टावर के रख-रखाव के ठेके से भी अच्छी कमाई करता था। उसके गुर्गे नशे के कारोबार में भी शामिल हो गए थे। इससे उन्होंने खूब रुपये बनाए।