
ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरिल एक्सप्रेसवे के माध्यम से दिल्ली के लिए गैर-निर्धारित ट्रक यातायात को मोडऩे संबंधी माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए। उपयोग का समय पूरा कर चुके डीजल/पेट्रोल वाहनों के संबंध में माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को सख्ती से लागू किया जाए
रेवाड़ी जिला सहित एनसीआर क्षेत्र में ग्रैप-वन की पाबंदियां हुईं प्रभावी
– प्रदूषण नियंत्रण के लिए ग्रैप-वन के नियमों की सख्ती से पालना जरुरी – डीसी
– डीसी ने प्रदूषण को रोकने के खिलाफ प्रभावी कदम उठाने के दिए निर्देश
– जिला वासियों से वायु प्रदूषण नियंत्रण करने में भागीदार बनने का किया आह्वान
रेवाड़ी, 15 अक्टूबर।
डीसी अभिषेक मीणा ने कहा कि वायु प्रदूषण हम सबके लिए चिंता का विषय है, जिसका हमारे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। वायु प्रदूषण नियंत्रण को लेकर ग्रैप नियमों की सख्ती से पालना करना बेहद जरूरी है। उन्होंने केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की ओर से रेवाड़ी जिला सहित एनसीआर क्षेत्र में लागू किए गए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) वन के तहत संबंधित विभागों को जरूरी दिशा निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा सभी जिलावासी वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने वाले उपायों में सक्रिय रूप से भागीदार बनें।
डीसी अभिषेक मीणा ने कहा कि जिला रेवाड़ी में ग्रेप- वन की पाबंदी लागू हो गई हैं, जिसके लिए हमें प्रदूषण नियंत्रण उपायों को पूरी गंभीरता से अपनाना होगा। उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, शहरी निकायों, एचएसआईआईडीसी सहित अन्य संबंधित विभागाध्यक्षों को कड़े निर्देश दिए कि वे जिला में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाएं। सभी विभाग जिला में एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी वायु गुणवत्ता सूचकांक को नियंत्रित रखने लिए जमीनी स्तर पर मिलकर काम करें।
उप-समिति ने आमजन से इन चरणों का पालन करने का किया आह्वान
डीसी अभिषेक मीणा ने आमजन से आह्वान करते हुए कहा कि वाहनों के इंजन को ठीक से ट्यून करके रखें, वाहनों के टायर का उचित दबाव बनाए रखें, वाहनों के प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसी) अद्यतन रखें, वाहन को बेवजह चलते नहीं रहने दें; रेड लाइट पर इंजन बंद कर दें, वाहनों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हाइब्रिड या इलेक्ट्रिक वाहनों को प्राथमिकता दें, कचरा या अपशिष्ट खुले स्थानों पर न फेंकें/न जलाएं, प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों की रिपोर्ट 311 ऐप, ग्रीन दिल्ली ऐप, समीर ऐप आदि के माध्यम से करें, अधिक से अधिक पौधे लगाएं, त्योहारों को पर्यावरण अनुकूल तरीके से मनाएं – पटाखों से बचें।
ग्रैप के चरण-एक के अनुसार 27-सूत्री कार्य योजना पूरे एनसीआर में तत्काल प्रभाव से लागू, निर्माण एवं तोड़फोड़ (सी एंड डी) गतिविधियों में धूल निवारण उपायों पर निर्देशों/नियमों/दिशानिर्देशों का उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित करना तथा पर्यावरणीय दृष्टि से सी एंड डी अपशिष्ट का सुरक्षित प्रबंधन सुनिश्चित करना, 500 वर्ग मीटर या उससे अधिक के प्लॉट आकार वाली ऐसी परियोजनाओं के संबंध में सी एंड डी गतिविधियों की अनुमति न दें जो संबंधित राज्य/राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (जीएनसीटीडी) के ‘वेब पोर्टल’ पर पंजीकृत नहीं हैं या जो धूल निवारण उपायों की दूरस्थ निगरानी के लिए उपरोक्त वैधानिक निर्देशों के अनुसार अन्य सभी आवश्यक शर्तों को पूरा नहीं करते हैं।
नगर निगम के ठोस अपशिष्ट (एमएसडब्लू), निर्माण एवं तोड़फोड़ (सीएंडडी) अपशिष्ट तथा खतरनाक अपशिष्टों को समर्पित डंप स्थलों से नियमित रूप से उठाना सुनिश्चित किया जाए तथा यह भी सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी अपशिष्ट अवैध रूप से खुले क्षेत्रों में न फेंका जाए। सडक़ों पर समय-समय पर मशीनों के जरिए सफाई और पानी का छिडक़ाव किया जाए तथा निर्धारित स्थलों/लैंडफिल में एकत्रित धूल का वैज्ञानिक निपटान सुनिश्चित किया जाए। सुनिश्चित करें कि सी एंड डी सामग्री और अपशिष्ट परिसर में उचित रूप से संग्रहित/संरक्षित हों और पूरी तरह से ढंके हुए हों। सी एंड डी सामग्री और सी एंड डी अपशिष्ट का परिवहन केवल ढंके हुए वाहनों के माध्यम से ही सुनिश्चित किया जाए। निर्माणाधीन परियोजना के कुल निर्मित क्षेत्र के अनुपात में सी एंड डी स्थलों पर एंटी-स्मॉग गन के उपयोग के लिए वैधानिक निर्देशों और मानदंडों को सख्ती से लागू किया जाए। सड़क निर्माण/चौड़ीकरण/मरम्मत परियोजनाओं और रखरखाव गतिविधियों में एंटी-स्मॉग गन, पानी के छिडक़ाव का उपयोग किया जाए और धूल दमन उपायों को और तेजी से लागू किया जाए। जैव ईंधन और नगरपालिका के ठोस अपशिष्ट को खुले में जलाने पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू किया जाए। लैंडफिल स्थलों / डंप स्थलों पर किसी भी प्रकार की आगजनी की घटनाएं न हों, यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी निगरानी रखी जाए। भारी यातायात और जाम की आशंका वाले चिन्हित मार्गों तथा चौराहों पर सुचारू यातायात प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए यातायात पुलिस की तैनाती की जाए। वाहनों के लिए पीयूसी मानदंडों की सख्त निगरानी और प्रवर्तन सुनिश्चित किया जाए। दृश्यमान उत्सर्जन के प्रति बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाई जाए, दृश्यमान प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों यानी ऐसे वाहनों जिनसे स्पष्ट रूप से धुआं निकल रहा हो, उन्हें तत्काल जब्त किया जाए और/या उन पर अधिकतम जुर्माना लगाया जाए।
ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरिल एक्सप्रेसवे के माध्यम से दिल्ली के लिए गैर-निर्धारित ट्रक यातायात को मोडऩे संबंधी माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए। उपयोग का समय पूरा कर चुके डीजल/पेट्रोल वाहनों के संबंध में माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को सख्ती से लागू किया जाए तथा वर्तमान प्रावधानों के अनुसार इनका पालन और प्रवर्तन सुनिश्चित किया जाए, गैर-अनुपालन और अवैध औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ सख्त दंडात्मक/कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित किया जाए, उद्योगों, ईंट भट्टों तथा हॉट मिक्स प्लांट्स आदि में सभी प्रदूषण नियंत्रण संबंधी नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए और उत्सर्जन के लिए निर्धारित मानकों का कठोरता से अनुपालन कराया जाए। एनसीआर में स्थित उद्योगों, ईंट भट्टों और हॉट मिक्स प्लांट्स में केवल स्वीकृत ईंधन के उपयोग को सुनिश्चित किया जाए और किसी भी उल्लंघन की स्थिति में संबंधित इकाई को बंद करा दिया जाए। ताप विद्युत संयंत्रों में उत्सर्जन मानदंडों को सख्ती से लागू किया जाए तथा अनुपालन न करने पर कड़ी कार्रवाई की जाए। पटाखों पर प्रतिबंध से संबंधित माननीय न्यायालयों / न्यायाधिकरणों के आदेशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए। औद्योगिक एवं गैर-विकास क्षेत्रों से औद्योगिक अपशिष्ट का नियमित उठाव एवं उचित निपटान सुनिश्चित किया जाए। विद्युत वितरण कंपनियों (डिसकॉम्स) द्वारा एनसीआर में बिजली आपूर्ति में बाधाओं को न्यूनतम करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। सुनिश्चित करें कि डीजल जनरेटर सेट का उपयोग बिजली आपूर्ति के नियमित स्रोत के रूप में न किया जाए। होटलों, रेस्तरां और खुले भोजनालयों में तंदूर में ईंधन के रूप में कोयला/लकड़ी के उपयोग पर मौजूदा प्रतिबंध को सख्ती से लागू किया जाए। होटल, रेस्तरां और खुले भोजनालयों में केवल बिजली/गैस आधारित/स्वच्छ ईंधन आधारित उपकरणों का उपयोग सुनिश्चित किया जाए। सोशल मीडिया और बल्क एसएमएस आदि के माध्यम से सूचना का प्रसार किया जाए। लोगों को प्रदूषण के स्तर, नियंत्रण कक्ष के संपर्क विवरण के बारे में सूचित करने के लिए मोबाइल ऐप का उपयोग किया जाए। प्रदूषणकारी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए 311 ऐप, ग्रीन दिल्ली ऐप, समीर ऐप और ऐसे अन्य सोशल मीडिया मंच पर शिकायतों के निवारण के लिए त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। सड़क पर यातायात कम हो, इस उद्देश्य से कार्यालयों को कर्मचारियों के लिए एकीकृत आवागमन शुरू करने हेतु प्रोत्साहित किया जाए।