
मयूर विहार, मोनेस्ट्री मार्केट, कश्मीरी गेट… हर तरफ पानी ही पानी।
मयूर विहार, मोनेस्ट्री मार्केट, कश्मीरी गेट… हर तरफ पानी ही पानी।
दिल्ली 6 सितंबर।
डरा रही है दिल्ली!… दोस्तों, सोचिए ज़रा… राजधानी दिल्ली, जिसे स्मार्ट सिटी, न्यू इंडिया और वर्ल्ड क्लास सिटी का तमगा दिया जाता है… वहीं आज बाढ़ के पानी में डूब रही है! मंदिरों तक पानी, श्मशान घाट तक पानी, यहां तक कि दिल्ली सचिवालय तक पानी घुस चुका है। ये है न्यू इंडिया का असली हालात!
दोस्तों, गुरुवार को यमुना का जलस्तर 207.47 मीटर दर्ज हुआ। सरकार कह रही है कि पानी घटेगा… लेकिन घटने से पहले लाखों लोग डूब गए तकलीफों में!
अब तक 14,000 से ज्यादा लोग बेघर होकर राहत शिविरों में पड़े हैं।
श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार रुका पड़ा है – बताइए, इंसान की आखिरी विदाई तक यहां सम्मान से नहीं हो पा रही!
मयूर विहार, मोनेस्ट्री मार्केट, कश्मीरी गेट… हर तरफ पानी ही पानी।
अब जरा सरकार से सवाल:
अरबों-खरबों रुपये का बजट हर साल इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर खाया जाता है, फिर क्यों बारिश आते ही दिल्ली डूब जाती है?
मेट्रो सिटी कहलाई जाने वाली दिल्ली में लोग नाव ढूंढ रहे हैं, ये कैसा विकास है मोदी जी?
यमुना पर बाढ़ कंट्रोल का मास्टर प्लान कहां गया?
दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार आपस में ट्विटर पे ज्ञान दे रहे हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत में जनता कंगाल, बेघर और परेशान है।
कश्मीरी गेट, रिंग रोड, आउटर रिंग रोड – हर तरफ घंटों का जाम।
पुलिस सलाह दे रही है कि मेट्रो पकड़ लो… अरे सरकार, पहले बताओ ये हाल क्यों हुआ? दिल्ली वालों की ज़िंदगी रोज़मर्रा का नरक बन गई है और आप लोग सिर्फ प्रेस कॉन्फ्रेंस में बयानबाज़ी कर रहे हो।
हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा गया पानी नोएडा-ग्रेटर नोएडा तक पहुंच चुका है।
फार्महाउस डूब गए।
मवेशी डूब गए।
लोग खुले आसमान तले अपने बच्चों को गोद में लेकर रो रहे हैं।
अब बताओ – स्मार्ट सिटी का ये हाल? या फिर ये भी किसी और पर थोप दोगे?
सरकार से आखिरी सवाल
दिल्ली को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने के वादे कहां गए?
क्या विकास सिर्फ विज्ञापनों में होता है?
अरबों रुपये रोड, ब्रिज, फ्लाईओवर और यमुना एक्शन प्लान पर खर्च करने के बावजूद, आज दिल्ली क्यों बाढ़ में डूबी है?
क्या अब जनता को मरते देख भी सरकार सिर्फ आंकड़े गिनाएगी?
दोस्तों, सोचिए… जब मंदिरों तक पानी पहुंच जाए… श्मशान घाट बंद हो जाए… सचिवालय डूब जाए… तो जनता कहां जाएगी?
“दिल्ली डूब रही है और नेताओं के बंगलों में एसी चल रहे हैं। ये है हमारे सिस्टम का असली चेहरा! अब सवाल जनता को उठाना होगा… वरना हर साल ऐसे ही डूबते रहेंगे और सरकारें प्रेस नोट में बस तसल्ली देती रहेंगी।