साइबर धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर लोगों को ठगा जा रहा है। लिंक पर क्लिक करके पूरी खबर पढ़े : https://newindianewsnetwork.com/hardik-pandya-natasha-%e0%a4%9c%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%a6-%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%82%e0%a4%97%e0%a5%87-%e0%a4%a4%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%95-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%81-%e0%a4%95%e0%a5%87/
साइबर धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर लोगों को ठगा जा रहा है। इसमें कॉल करने वाला जालसाज खुद को पुलिस, सीबीआइ(CBI) या ईडी (ED) जैसी एजेंसियों का अधिकारी बता कर पीडि़त के डिजिटल गिरफ्तारी का दावा करता है और पैसे वसूलता है। अक्सर ऐसे कॉल्स विदेश से आते हैं, जिसमें फोन नंबर भारत में इस्तेमाल होने वाले मोबाइल नंबर जैसा दिखता है। इस तरह की घोखाधड़ी को रोकने के लिए रविवार को केंद्र सरकार ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को भारतीय मोबाइल नंबर प्रदर्शित करने वाली सभी इनकमिंग अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल्स को प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया है। डीओटी और टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं (TSP) ने ऐसी अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉलों की पहचान करने के लिए एक प्रणाली तैयार की है।
धमकी देकर ग्राहकों को ठगा जा रहा

दूरसंचार विभाग (DoT) ने अपने बयान में कहा, जालसाज भारतीय नागरिकों को भारतीय मोबाइल नंबर दिखाकर अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल कर रहे हैं और साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी कर रहे हैं। इसमें प्रतीत होता है कि ऐसी कॉलें भारत के भीतर से उत्पन्न हो रही हैं। लेकिन ऐसी कॉल्स विदेश से साइबर अपराधियों की ओर से कॉलिंग लाइन आइडेंटिटी (CLI) में हेरफेर करके की जा रही है। इसके जरिए फर्जी डिजिटल गिरफ्तारियों, फेडएक्स घोटाले, ड्रग्स या कूरियर में नशीले पदार्थों भेजने का आरोप, सरकारी और पुलिस अधिकारी बनकर बात करने, डीओटी या ट्राई अधिकारी बनकर मोबाइल नंबरों को बंद करने जैसी धमकी देकर ग्राहकों को ठगा जा रहा है।
पीडि़तों को डिजिटल गिरफ्तारी से गुजरना पड़ा

