
राहु काल -: प्रात:10/30 से दोपहर/00 बजे तक कोई शुभ या नया कार्य न करें आज की शुभ दिशा -: पूर्व,उत्तर, उत्तर-पूर्व
राहु काल -: प्रात:10/30 से दोपहर/00 बजे तक कोई शुभ या नया कार्य न करें
आज की शुभ दिशा -: पूर्व,उत्तर, उत्तर-पूर्व
श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद।
श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नमः॥
मंत्र का अर्थ:
जय हो महालक्ष्मी माता जो कि श्रीं ह्रीं श्रीं जैसे बीज मंत्रों से सहित हैं, जो कमल पर विराजमान हैं, जिनके स्मरण से समस्त प्रकार के प्रसाद अर्थात आशीर्वाद की प्राप्ति हो जाती है। ऐसी महालक्ष्मी माता को हम नमस्कार करते हैं। वो हमें सम्पन्नता का वरदान दें।
जय जय श्री राधे
IIआज का पंचांग एवं ग्रहों की स्थिति II
श्री गणेशाय नमः, जय श्री कृष्ण
सब सुखी व स्वस्थ रहें
विक्रम संवत 2082
संवत्सर नाम -: सिद्धार्थी
संवत्सर राजा-: सूर्य
संवत्सर मंत्री-: सूर्य
सूर्य दक्षिणायण, ऋतु-: शरद
सूर्य उदय : प्रातः 6/05
सूर्य अस्त : सायं 6/34
भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि
अंग्रेजी दिनांक-: 5/9/2025
दिन-: शुक्रवार
चंद्रमा-: मकर राशि में
राशि स्वामी-: शनि
आज का नक्षत्र -: श्रवण रात्रि 11/39 तक उसके बाद धनिष्ठा
नक्षत्र स्वामी – : चंद्र/मंगल
✨️ चंद्रमा का नक्षत्र प्रवेश-:
प्रात: 5/43 से श्रवण नक्षत्र चरण 2 में
11/43 से श्रवण नक्षत्र चरण 3 में
सायं 5/40 से श्रवण नक्षत्र चरण 4 में
रात्रि 10/56 से धनिष्ठा नक्षत्र चरण 1 में
योग-: दोपहर 1/52 तक शोभन-: यात्रा एवं शुभ कार्यों के लिये शुभ
दोपहर 1/53 से अतिगंड-: यह एक अशुभ योग है इसमें शुभ कार्य वर्जित हैं
आज के मुख्य पर्व/भद्रा/पंचक/गन्डमूल आदि
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– : प्रदोष व्रत, पंचक प्रारंभ
♻️आज की शुभ दिशा -: पूर्व,उत्तर, उत्तर-पूर्व
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♻️ दिशा शूल -: पश्चिमी दिशा की ओर यात्रा करने से बचें, अति आवश्यक होने पर जौ खाकर प्रस्थान करें
आज की ग्रह स्थिति -:
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सूर्य -: सिंह राशि (राशि स्वामी सूर्य) पूर्वा फाल्गुनी चरण 1 में नक्षत्र चरण 2 में ( नक्षत्र स्वामी शुक्र)
मंगल -: कन्या राशि (राशि स्वामी बुद्ध) चित्रा नक्षत्र चरण 1 में
बुद्ध -: सिंह राशि (राशि स्वामी सूर्य)मघा नक्षत्र चरण 4 में ( नक्षत्र स्वामी केतु)
गुरु -: मिथुन राशि (राशि स्वामी बुद्ध) पुनर्वसु नक्षत्र चरण 2 में ( नक्षत्र स्वामी गुरु)
शुक्र -: कर्क राशि (राशि स्वामी चंद्र) आश्लेषा नक्षत्र चरण 1 में
शनि(वक्री) -: मीन राशि (राशि स्वामी गुरु)उत्तर भाद्रपद नक्षत्र चरण 1 में(नक्षत्र स्वामी शनि)
राहु-: कुंभ (राशि राशि स्वामी शनि)पूर्व भाद्रपद नक्षत्र चरण 2 में (नक्षत्र स्वामी गुरु)
केतु-: सिंह राशि( राशि स्वामी सूर्य) पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र चरण 4 में (नक्षत्र स्वामी शुक्र)
राहु काल -: प्रात:10/30 से दोपहर/00 बजे तक कोई शुभ या नया कार्य न करें
दैनिक लग्न सारणी -:
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प्रात-: 6/58 तक सिंह
9/14 तक कन्या
दोपहर 11/32 तक तुला
1/51 तक वृश्चिक
3/55 तक धनु
5/38 तक मकर
सायं 7/06 तक कुम्भ
रात्रि 8/30 तक मीन
10/06 तक मेष
12/01 तक वृष