पेपर लीक मामला: युवक बने गैंग लीडर, शामली बन रहा सॉल्वरों का गढ़, 6-6 लाख रुपये में हुई थी डील
शामली 19 फ़रवरी 2024| शामली और कैराना से कई आईएसआई एजेंट्स पकड़े गए हैं। अब प्रतियोगी परीक्षाओं में जिले के सॉल्वर्स पकड़े जाने के मामले भी बढ़े हैं। ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब शामली के सरगना सामने आ रहे हैं।
शामली और कैराना से कई आईएसआई एजेंटों के पकड़े जाने के बाद अब यूपी पुलिस से लेकर अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं को लीक कराने में भी शामली के सरगना सामने आ रहे हैं। पिछले चार साल से जिले के 15 से अधिक सॉल्वर गैंग के सरगना और सदस्यों को पकड़ा जा चुका है, जो यूपी के साथ-साथ हरियाणा, देहरादून में भी पेपर लीक कराने में आगे रहे।
एसटीएफ और पुलिस की अभी तक की जांच में सामने आया है कि दो से लेकर तीन माह में अमीर बनने का सपना लेकर शामली और आसपास जिलों के युवा सॉल्वर गैंग की कमान संभाल रहे हैं।
पुलिस और एसओजी ने कैराना से रिजवान निवासी तीतरवाड़ा, आसिफ निवासी अलीपुर, उस्मान निवासी मन्ना माजरा और सावेज निवासी जहानपुरा को गिरफ्तार किया है। जिनके स्थान पर अन्य को यूपी पुलिस का पेपर देना था।
छह-छह लाख रुपय में हुआ था सौदा
सीओ कैराना अमरदीप मौर्य ने बताया कि बागपत और शामली निवासी सॉल्वर गैंग के तीन मुख्य आरोपियों ने वास्तविक आवेदकों से संपर्क किया था। कहा था कि छह-छह लाख रुपये देने पर उन्हें पुलिस भर्ती परीक्षा में पास करा दिया जाएगा। गैंग ने उनकी आवेदकों की इंटर की मार्कशीट यह कर ले ली थी कि परीक्षा में पास होने के बाद तय रुपये देने पर मार्कशीट लौटा दी जाएगी।
आईएसआई एजेंटों के लिए चर्चित रहा है जिला
शामली जिला आईएसआई एजेंट और हैंडलरों के लिए बदनाम है। यहां के कैराना का इकबाल काना, दिलशाद मिर्जा, हमीदा और शाहिद आदि पाकिस्तान में जाकर बस गए और आईएसआई के हैंडलर बने हुए हैं। यही नहीं पाकिस्तान से ही देश में आईएसआई एजेंट तैयार करने में लगे हुए हैं। आईएसआई एजेंटों के कारण ही शामली जिले पर एक तरह से बदनुमा दाग लग रहा है।
आधार कार्ड को एडिट कर दूसरे के लगाए जा रहे फोटो
रविवार को पुलिस भर्ती परीक्षा देने से पहले ही पुलिस ने चार अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर लिया। चारों ने पुलिस की पूछताछ में कई खुलासे किए हैं। जांच में पता चला कि आधार कार्ड में दूसरे की फोटो लगाने का खेल शामली में ही खेला गया था। माना जा रहा है कि गिरोह के सदस्य अन्य युवाओं या अभ्यर्थियों के आधार कार्ड में भी इसी तरह का खेल कर रहे हैं।
पुलिस ने आधार कार्ड में एडिटिंग करने वाले दुकानदार की तलाश भी शुरू कर दी है। जल्द ही उसे भी पकड़ने का दावा किया है। सीओ अमरदीप मौर्य ने बताया कि पकड़े गए अभ्यर्थी इंटर पास है। फरार आरोपी बीए पास बताए गए हैं। सीओ ने बताया कि पता चला है कि गिरोह के संपर्क में अन्य लोग भी थे, जिनकी पूछताछ की जा रही है।
चार साल में शिकंजे में आए शामली के सॉल्वर गैंग के सदस्य और सरगना
वर्ष 2021 में यूपी टीईटी परीक्षा के दौरान शामली के सॉल्वर गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था। मेरठ एसटीएफ ने 28 नवंबर 2021 को नाला निवासी रवि, झाल निवासी मनीष, बुटराडी निवासी धर्मेंद्र को गिरफ्तार किया था, जबकि इनका एक साथी शामली के ही नाला गांव का रहने वाला अजय फरार हो गया था। वर्ष 2022 में भी यूपी टीईटी परीक्षा में शामली के दो सॉल्वर गिरफ्तार किए गए थे।
हाल ही में 16 फरवरी को एसटीएफ नोएडा ने झांसी में यूपी पुलिस का पेपर लीक कराने की कोशिश में कांधला के मोनू को गिरफ्तार किया, जो गिरोह का सरगना था। इसी तरह 8 फरवरी को एसटीएफ मेरठ ने पड़ोसी जिले बागपत से शामली के भाज्जू गांव के रहने वाले रचित चौधरी को गिरफ्तार किया। जो पेपर लीक कराने के साथ-साथ युवाओं को नौकरी लगवाने का भी झांसा देकर 5 से लेकर 10 लाख की ठगी करता था।
इसी तरह अक्तूबर 2022 में शामली में प्रारंभिक पात्रता परीक्षा के दूसरे दिन ही पहली पाली में दो सॉल्वर पकडे़ गए थे। पहली पाली में कड़ी चौकसी व गहन तलाशी के बाद अभ्यर्थियों को केंद्र के अंदर एंट्री दी गई थी।
देहरादून, हरियाणा में भी पेपर लीक कराने का किया प्रयास
एसटीएफ की अभी तक की जांच में सामने आया है कि शामली, बागपत और अन्य जिलों के कुछ युवाओं ने हरियाणा में जहां वेटनरी का पेपर लीक कराया वहीं देहरादून में एक पेपर लीक कराने का प्रयास किया था।
समय-समय पर शामली के सॉल्वर गैंग के सदस्यों को छापामारी के बाद पकड़ा जाता है। सॉल्वर गैंग के फरार सदस्यों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। कई गिरोह के सदस्यों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जा चुका है।