नई दिल्ली, 05 दिसंबर 2025
भारत और रूस के बीच दशकों से चल रही सामरिक साझेदारी को आज एक नई मजबूती मिली, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का स्वागत किया। जैसे ही पुतिन का विमान रनवे पर उतरा, प्रधानमंत्री मोदी ने आगे बढ़कर उन्हें गले लगाया। दोनों नेताओं के बीच यह गर्मजोशी भरा अभिवादन सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और लोगों ने इसे दो देशों की मजबूत मित्रता का प्रतीक बताया।
राष्ट्रपति पुतिन भारत में हो रहे 23वें इंडिया–रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं। यह बैठक भारत और रूस के बीच गहरे कूटनीतिक संबंधों को एक नए मोड़ पर ले जाने की दिशा में अहम मानी जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, बदलते वैश्विक समीकरणों, आर्थिक चुनौतियों और क्षेत्रीय सुरक्षा परिस्थितियों के बीच यह मुलाकात रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण होगी।
सूत्रों के मुताबिक इस शिखर बैठक में कई अहम विषयों पर चर्चा होगी, जिनमें शामिल हैं—
- रक्षा सौदे और तकनीकी सहयोग
- ऊर्जा सुरक्षा और परमाणु ऊर्जा परियोजनाएं
- अंतरिक्ष अनुसंधान और तकनीकी आदान-प्रदान
- व्यापार बढ़ाने के नए रास्ते और
- सेमीकंडक्टर व चिप निर्माण में साझेदारी
भारत लंबे समय से रूस का रक्षा, ऊर्जा और रणनीतिक सहयोग में प्रमुख साझेदार रहा है। वहीं पुतिन की यह यात्रा उस समय हो रही है जब दुनिया कई राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों से गुजर रही है, जिससे यह मुलाकात और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
विश्लेषकों का मानना है कि आज का यह ऐतिहासिक स्वागत और कूटनीतिक पल भारत–रूस संबंधों में आने वाले वर्षों के लिए एक मजबूत संदेश देता है — कि चाहे वैश्विक परिस्थितियां बदलें, दोनों देशों की दोस्ती और आपसी भरोसा कायम रहेगा।
अब सभी की नज़रें इस शिखर सम्मेलन के परिणामों और संयुक्त घोषणाओं पर टिकी हैं।
