
अगर दुश्मन ने इस मौके का फायदा उठाया तो क्या हम तैयार हैं? BSF की चौकियाँ तक पानी में डूब गईं। पंजाब अपनी दशकों की सबसे भीषण बाढ़ झेल रहा है। करीब 3.5 लाख लोग प्रभावित हैं
अगर दुश्मन ने इस मौके का फायदा उठाया तो क्या हम तैयार हैं?
BSF की चौकियाँ तक पानी में डूब गईं।
पंजाब अपनी दशकों की सबसे भीषण बाढ़ झेल रहा है।
करीब 3.5 लाख लोग प्रभावित हैं
नई दिल्ली 5 सितंबर 2025। सोचिए, एक उफनती नदी ने 30 किलोमीटर लंबी भारत-पाक बॉर्डर की फेंसिंग को बहा दिया! जी हाँ, पंजाब में रवि नदी का ऐसा कहर बरपा कि BSF की चौकियाँ तक पानी में डूब गईं। अब सवाल ये है कि क्या ये सिर्फ बाढ़ है या फिर हमारी सुरक्षा पर बड़ा खतरा? और सबसे अहम – ये खबर इतनी बड़ी होने के बावजूद क्यों दबा दी गई? चलिए इस राज़ से पर्दा उठाते है ”
ब्यास नदियाँ लगातार बारिश
दोस्तों, इस समय पंजाब अपनी दशकों की सबसे भीषण बाढ़ झेल रहा है। रवि, सतलुज और ब्यास नदियाँ लगातार बारिश और बाँध से छोड़े गए पानी के कारण उफान पर हैं। नतीजा – खेत डूब गए, गाँव जलमग्न हो गए और लाखों लोग बेघर हो गए।
सबसे हैरान कर देने वाली बात ये है कि भारत-पाक सीमा पर करीब 30 किलोमीटर लंबी फेंसिंग पानी में बह गई।
लाखों लोग बेघर हो गए।
गुरदासपुर, अमृतसर और पठानकोट में BSF की 30 से 40 चौकियाँ बाढ़ में डूब गईं।
कई जगह तो हालात इतने बिगड़े कि BSF जवानों को चौकियाँ छोड़कर पास के गुरुद्वारों में शरण लेनी पड़ी।
पंजाब और जम्मू में मिलाकर 110 किलोमीटर से ज्यादा बॉर्डर फेंसिंग को नुकसान हुआ है।
90 से ज्यादा BSF पोस्ट डूब चुकी हैं।
और सबसे बड़ा डर – बाढ़ के कारण जो गैप बने, उनका इस्तेमाल ड्रग स्मगलर्स ने घुसपैठ की कोशिशों में किया। शुक्र है कि जवानों ने सतर्कता दिखाई और उन्हें नाकाम कर दिया।
1,400 से ज्यादा गाँव पूरी तरह पानी में डूब गए।
करीब 3.5 लाख लोग प्रभावित हैं।
खेत-खलिहान बर्बाद हो गए और लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हैं।
1988 के बाद से ये सबसे बड़ी बाढ़ बताई जा रही है।
हालात संभालने के लिए सरकार और प्रशासन ड्रोन, नाव और अस्थायी तटबंधों का सहारा ले रहे हैं। लेकिन सवाल वही है – जब पानी धीरे-धीरे कम भी हो जाएगा, तब भी सुरक्षा की वो फेंसिंग कितनी जल्दी दोबारा बनेगी?
क्या ये बाढ़ सिर्फ प्राकृतिक आपदा है, या हमारे बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर की कमज़ोरी उजागर कर रही है?
अगर दुश्मन ने इस मौके का फायदा उठाया तो क्या हम तैयार हैं?
क्यों इस खबर को देशभर में उस गंभीरता से नहीं उठाया गया, जितना उठाया जाना चाहिए था?
“दोस्तों, अगर आपको भी लगता है कि ये सिर्फ बाढ़ नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का अलार्म है, तो,