
गुरुग्राम के इस महिला संत समागम में महिला संत बहनों ने भाग लिया और व्याख्यान, भजन, गीत, कविता और स्किट के माध्यम से श्रद्धा पूर्वक अपने भक्ति भरे
निरंकारी महिला समागम – एक नूर है सबके अंदर नर है चाहे नारी है
भक्त तो प्रभु की रजा में ही अपने आप को समर्पित करता है
गुरुग्राम, 13 सितंबर 2025 ।
जीवन में हर पल प्रभु का शुकराना करना ही भक्ति का आधार है, सहज समर्पण ही प्रभु को भाता है। शिकवे, शिकायत, किंतु, परंतु आदि के भाव भक्ति में बाधा बनते हैं।
सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के दिव्य आशीर्वाद से संत निरंकारी मंडल द्वारा आयोजित गुरुग्राम के महिला संत समागम को संबोधित करते हुए उक्त उदगार बहन संजुला चौधरी ने व्यक्त किए।
उन्होंने बहनों और भाइयों से भरपूर विशाल प्रांगण में उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए कहा कि भक्त तो प्रभु की रजा में ही अपने आप को समर्पित करता है। सतगुरु ने कृपा करके इस रूह को प्रभु से मिलाकर कमाल किया है। प्रभु परमात्मा को जानकर एहसास हो जाता है कि हम सभी एक ही परमपिता परमात्मा की संतान है। बहन और भाई मिलकर प्रभु की भक्ति करते हैं।
‘एक नूर है सबके अंदर नर है चाहे नारी है’
नारी हो या नर हो, सभी में एक ही प्रभु परमपिता परमात्मा की आत्मा की ही वास है। महिलाएं भी आध्यात्मिक जागृति प्राप्त कर भक्ति में बढ़-चढ़ कर घर-परिवार, समाज का उत्थान कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि भक्ति भाव से सहनशीलता, विशालता, नम्रता, समर्पण और प्यार के भाव मन में स्वयं ही आने लगते हैं। सतगुरु तो प्यार से ही जीना सिखाते हैं, सभी ने एक दूसरे से प्यार करना ही नहीं प्यार ही बन जाना है।
‘जिन प्रेम कियो तिन ही प्रभु पायो’।
भक्त को मैं, मेरी, अहम भाव से ऊपर उठ कर फिर प्रभु से ही प्यार होता है। दीवार रहित संसार ही बनाता है। भक्त के दिल और मन में कोई दीवार न हो, केवल मिलवर्तन के ही भाव हों। कुल, जाति, पदवी या उपाधियों से मुक्त रहना है। खुद को विशेष मानना, दूसरे को नीचे समझना यह भक्ति वाले भाव नहीं हैं और यह भक्त की पहचान नहीं है। उन्होंने सभी के लिए सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज से भक्ति भरे भावों से युक्त जीवन के आशीर्वाद की प्रार्थना की।
गुरुग्राम के इस महिला संत समागम में महिला संत बहनों ने भाग लिया और व्याख्यान, भजन, गीत, कविता और स्किट के माध्यम से श्रद्धा पूर्वक अपने भक्ति भरे और भाव व्यक्त किए। सभी ने ब्रह्मज्ञान, मर्यादा पूर्वक भक्ति, प्रेम, मिलवर्तन आदि के संदेश दिए।
स्थानीय संत निरंकारी सत्संग भवन सैक्टर 31 पर आयोजित महिला संत समागम पर गुरुग्राम की संयोजक बहन निर्मल मनचंदा ने सभी का आभार व्यक्त किया। मंच संचालन बहन रश्मि भाकुनी ने किया।