गुरुग्राम, 02 फरवरी 2024| सामाजिक न्याय संगठन के बैनर तले आज हजारों लोग गुरुग्राम के पंचायत भवन में इकट्ठे हुए जहां उन्होंने पहले निगम के खिलाफ धरना दिया, जिसके बाद गुरुग्राम की सड़कों पर प्रदर्शन करते हुए जिला उपायुक्त गुरुग्राम कार्यालय की तरफ कूच किया और सरकार तथा प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए दिल्ली तर्ज पर गुरुग्राम में भी हाउस टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स, डेवलपमेंट चार्ज तथा ग्रामीण क्षेत्र में मकान बनाने के लिए नक्शा पास कराने के नियमों को खत्म करने की मांग की, और नायाब तहसीलदार सुशील को ज्ञापन सौपा। 31 तारीख को सामाजिक न्याय संगठन द्वारा गुरुग्राम में प्रेसवार्ता कर आज हुए प्रदर्शन को लेकर बीरू सरपंच, चौधरी संतोख सिंह, नत्थू सिंह सरपंच, सूबे सिंह बोहरा सरपंच, नरेश सहरावत सरपंच तथा अशोक हंस सरपंच ने ऐलान किया था।
आज सामाजिक न्याय संगठन की 11 सदस्य टीम के नेर्त्तिव में गाँव गाँव में बनाये गये 21 से 51 लोगों की कमेटी सदस्यों की उपस्थिति में शहर के हजारों लोगों को साथ लेकर गुरुग्राम शहर की सड़कों पर विशाल प्रदर्शन किया और निगम पर गम्भीर आरोप लगाये। मुख्य रूप से बीरू सरपंच, संतोष सिंह, नरेश सहरावत, सूबे सिंह बोहरा ने कहा कि उन्होंने आज गुरुग्राम में प्रदर्शन कर जिला उपायुक्त कार्यालय में फिर से राज्यपाल हरियाणा के नाम ज्ञापन नायब तहसीलदार सुशिल को ज्ञापन सौपते हुए अपनी मांगे रखी है। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नही होगी तक शहर में उनका विरोध प्रदर्शन समय समय पर होता रहेगा और उनका गाँव गाँव में पंचायतों का दौर जारी रहेगा। आज हजारों की संख्या में लोग प्रदर्शन में शामिल हुए जमकर लोगों ने निगम के खिलाफ अपनी भड़ास निकाली और गुरुग्राम के ग्रामीण क्षेत्र में हाउस टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स, डेवलपमेंट चार्ज तथा ग्रामीण क्षेत्र में मकान बनाने के लिए नक्शा पास कराने के नियमों को समाप्त करने की आवाज उठाई।
प्रदर्शन में संगठन पदाधिकारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि निगम प्रशासन द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है, ग्रामीण क्षेत्र में कोई मकान बनाता है तो उनसे जबरन उघाई की जाती है, जो नही देता उनके घर तोड़ दिए जाते है, जोकि गलत है। प्रशासन में कोई भी कार्य बिना सांठ-गाँठ के नही होता है, टैक्स के नाम पर जबरन उठाई हो रही है, जिसका वह विरोध करते है।
उन्होंने कहा कि गुरुग्राम नगर निगम का गठन 2008 में किया गया था तथा मानेसर नगर निगम का गठन 2020 में किया गया है। गाँवों को निगम क्षेत्र में शामिल करने से पहले कोई भी शहरी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं करवाई गई थी तथा जो भी विकास कार्य गाँवों में हुए थे, वो सभी ग्राम पंचायतों ने ही करवाए थे। नगर निगम के गठन से पहले गाँवों तथा उनकी विस्तारित आबादी में कोई भी हाउस टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स, डेवलपमेंट चार्ज तथा मकान बनाने के लिए नक़्शा पास करवाने का प्रावधान नहीं था, लेकिन जब से निगम बना है तब से लोगों को असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। इन सभी मांगों को लेकर और सरकार तथा प्रशासन को नींद से जगाने के लिए आज गुरुग्राम में विशाल प्रदर्शन शहर की जनता ने किया है और इस लड़ाई को सभी तरह के टैक्स को निगम क्षेत्र में समाप्त करने तक इस लड़ाई को जारी रखा जाएगा।