
योगी सरकार में शिक्षा व्यवस्था का कायापलट, बच्चों को मिल रहा सुरक्षित और आधुनिक माहौल
उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था एक समय गंभीर चुनौतियों से जूझ रही थी। सपा शासनकाल के दौरान राज्य के कई सरकारी स्कूलों में न तो मूलभूत सुविधाएं थीं और न ही छात्रों के लिए सुरक्षित वातावरण। जर्जर इमारतें, टूटे-फूटे फर्नीचर, स्वच्छ पेयजल की कमी और शौचालय जैसी जरूरी सुविधाओं का अभाव शिक्षा के स्तर को प्रभावित कर रहा था। इन हालातों में ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के हजारों बच्चों की पढ़ाई बीच में ही छूट जाती थी।
पूर्व की सरकारों के समय कई स्कूलों में शिक्षक समय पर उपस्थित नहीं होते थे, कक्षाओं में पढ़ाई की जगह लापरवाही का माहौल रहता था और शिक्षा में सुधार के लिए ठोस कदमों का अभाव था। नतीजतन, अभिभावकों का सरकारी स्कूलों पर भरोसा कम होता गया और बच्चे निजी स्कूलों की ओर रुख करने लगे, जिससे गरीब परिवारों पर आर्थिक बोझ भी बढ़ा। योगी आदित्यनाथ सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में बड़े बदलाव की शुरुआत की। सबसे पहले, जर्जर स्कूल भवनों का पुनर्निर्माण और मरम्मत कार्य तेज किया गया।
कक्षाओं में स्मार्ट क्लास, डिजिटल बोर्ड और प्रोजेक्टर जैसी आधुनिक तकनीकें जोड़ी गईं। हर स्कूल में स्वच्छ पेयजल, बेहतर शौचालय व्यवस्था और पर्याप्त फर्नीचर की सुविधा उपलब्ध कराई गई। इसके साथ ही यूपी सरकार ने विकास कार्यों को आगे बढ़ाया सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि शिक्षकों की उपस्थिति पर सख्ती से नजर रखी जाए, जिससे कक्षा में पढ़ाई का माहौल बेहतर हो सके। साथ ही, अटल आवासीय विद्यालय। पूर्व की सरकारों के समय कई स्कूलों में शिक्षक समय पर उपस्थित नहीं होते थे, कक्षाओं में पढ़ाई की जगह लापरवाही का माहौल रहता था और शिक्षा में सुधार के लिए ठोस कदमों का अभाव था। नतीजतन, अभिभावकों का सरकारी स्कूलों पर भरोसा कम होता गया और बच्चे निजी स्कूलों की ओर रुख करने लगे, जिससे गरीब परिवारों पर आर्थिक बोझ भी बढ़ा। योगी आदित्यनाथ सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में बड़े बदलाव की शुरुआत की। सबसे पहले, जर्जर स्कूल भवनों का पुनर्निर्माण और मरम्मत कार्य तेज किया गया। कक्षाओं में स्मार्ट क्लास, डिजिटल बोर्ड और प्रोजेक्टर जैसी आधुनिक तकनीकें जोड़ी गईं। हर स्कूल में स्वच्छ पेयजल, बेहतर शौचालय व्यवस्था और पर्याप्त फर्नीचर की सुविधा उपलब्ध कराई गई। सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि शिक्षकों की उपस्थिति पर सख्ती से नजर रखी जाए, जिससे कक्षा में पढ़ाई का माहौल बेहतर हो सके। साथ ही, अटल आवासीय विद्यालय जैसे संस्थान शुरू किए गए, जो खासतौर पर वंचित और गरीब परिवारों के बच्चों को सुरक्षित, स्वच्छ और प्रेरणादायी माहौल में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। इन सुधारों के बाद सरकारी स्कूलों में बच्चों की नामांकन दर बढ़ी है और ड्रॉपआउट दर में कमी आई है। अभिभावकों का सरकारी स्कूलों पर भरोसा लौट रहा है और ग्रामीण इलाकों में शिक्षा का स्तर पहले से कहीं बेहतर हुआ है।