
25september 2025/अफगानिस्तान के कुंदुज शहर का एक 13 वर्षीय लड़का अपने सपनों और मजबूरियों के बीच एक बेहद खतरनाक सफ़र पर निकल पड़ा। उसका इरादा ईरान जाने का था। लेकिन हालात ऐसे बने कि वह सीधे दिल्ली, भारत आ पहुँचा वह भी हवाई जहाज़ के सबसे खतरनाक हिस्से, यानी लैंडिंग गियर के पहिए वाले खाने में छिपकर।काबुल एयरपोर्ट पर सुरक्षा की कड़ी निगरानी के बावजूद यह बच्चा किसी तरह चुपचाप अंदर पहुँच गया। वह यात्रियों के पीछे-पीछे चला और बिना किसी जांच के रनवे की तरफ बढ़ गया। वहां उसने उड़ान भरने से कुछ ही देर पहले एक विमान के लैंडिंग गियर में जगह बना ली। उसे लगता था कि यह विमान शायद ईरान जा रहा है, जबकि असल में यह दिल्ली (भारत) आ रहा था।
क़रीब डेढ़ घंटे की उड़ान में उसने जिन हालातों का सामना किया, वे किसी भी इंसान के लिए जानलेवा साबित हो सकते थे। विमान 35,000 फीट की ऊँचाई पर उड़ता है, जहाँ तापमान -50 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है और ऑक्सीजन की मात्रा बेहद कम हो जाती है। ज्यादातर लोग इस स्थिति में कुछ ही मिनटों में बेहोश होकर मर जाते हैं। लेकिन यह बच्चा नसीब वाला था।विशेषज्ञों के मुताबिक, उसके जिंदा होने की वजह कुछ खास परिस्थितियाँ रहीं:शुरुआत में लैंडिंग गियर और टायरों से थोड़ी गर्मी मिली।अत्यधिक ठंड और ऑक्सीजन की कमी से उसका शरीर स्लो मोड में चला गया, यानी धड़कन और साँस की गति कम हो गई, जिससे ऑक्सीजन की ज़रूरत भी घट गई।उड़ान के अंतिम चरण में, जब विमान नीचे उतरा और लैंडिंग गियर दोबारा खुला, तो ऑक्सीजन और तापमान सामान्य होने लगे। इसी दौरान उसका शरीर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट पाया।दिल्ली एयरपोर्ट पर रनवे के पास यह बच्चा नजर आया। सुरक्षा और मेडिकल टीम ने तुरंत उसे अस्पताल पहुँचाया। हैरानी की बात यह रही कि उसके पास न तो कोई हथियार था, न ही कोई दस्तावेज़ सिर्फ़ एक छोटा सा लाल रंग का स्पीकर था।
पूछताछ में उसने साफ़ कहा कि उसका मकसद ईरान पहुँचना था,लेकिन ग़लती से वह गलत विमान में सवार हो गया और भारत पहुँच गया। यह घटना अपने आप में अद्भुत है,क्योंकि दुनिया भर में ऐसे स्टोअवे छुपकर सफ़र करने वाले ज्यादातर लोग इस सफ़र में जान गंवा देते हैं।आज यह बच्चा चर्चा का विषय बन गया है। उसकी कहानी न सिर्फ़ हिम्मत और मासूमियत की झलक देती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि किस तरह लोग बेहतर ज़िंदगी की तलाश में जान की बाज़ी लगा देते हैं।