22May2024, New Delhi
उत्तराखंड हाई कोर्ट ने सोशल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि वह एक अनुशासनहीन बच्चा है, जो बुरी संगत में पड़ गया है। उसे सख्त अनुशासन की जरूरत है। रिहा होने पर उसके साथ और भी अप्रिय घटनाएं हो सकती हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तराखंड के एक लड़के को जमानत देने से इनकार कर दिया, जिस पर अपनी सहपाठी का अश्लील वीडियो बनाने और फिर उसे प्रसारित यानि पब्लिक्ली शेयर करने का आरोप है, जिसके कारण युवा लड़की ने आत्महत्या कर ली थी. शीर्ष अदालत से यह फैसला पुणे हिट एंड रन केस के बीच आया है, जहां जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने एक नाबालिग लड़के को जमानत दे दी, जिसने अपनी गाड़ी से बाइक सवार दो युवा सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स (लड़का और लड़की) को टक्कर मार दी जिससे उनकी मौत हो गई।
न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की वेकेशन बेंच ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा, जिसने मामले में लड़के को जमानत देने से इनकार कर दिया था. हरिद्वार जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड यानि JJB और उत्तराखंड उच्च न्यायालय से जमानत खारिज होने के बाद, लड़के की मां ने राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लड़के पर आईपीसी की धारा 305 और 509 और पोक्सो अधिनियम की धारा 13 और 14 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
वीडियो देख लड़की ने की आत्महत्या

