द्रास (करगिल): पाकिस्तान ने सब 1999 में घुसपैठ की जो पूरे लेह को कश्मीर से काटने की साजिश रची। पाकिस्तानी सेना नैशनल हाइवे 1 बे कि नोचिला घास से होते हुए लेह को जोड़ने वाली सड़क है, उसे काटना चाहती थी। पाकिस्तान को पता था कि इस रास्ते को बाधित कर दे तो भारतीय सेना को अपने सैनिकों और रसद को भेजने में दिक्कत होगी। हालांकि तब भी पाकिस्तान अपने मकसद में सफल नहीं हो पाया था। 1999 के करगिल युद्ध के बाद भारत ने इंसट्रक्चर पर खास फोकस किया। 26 जुलाई यानी करगिल विजय दिवस के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिंधुन ला टनल प्रॉजेक्ट पर काम की वर्चुअल शुरुवात करेंगे। ये टनल निम्-पदम दारचा रोड पर बनेगी। यह एक्सेस लेह को देश के दूसरे हिस्सों से जोड़ने वा तीसरा रास्ता होगा। अभी दो रास्ते हैं
श्रीनगर करगिल-लेह नैशनल हाइवे से
और दूसरा मनाली होते हुए। सिकुन ता टनल 4.1 किलोमीटर लंबी होगी और यह समुद्र तल से 15800 फीट की ऊंचाई पर बनेगी। यह दुनिया की सबसे ऊंची टनल होगी। टनल बन जाने से निम्-पदम दारचा रोह लेह तक के लिए ऑत वेदर कनेक्टिविटी होगी। ये ट्विन ट्यूब डबल लेन टनल होगी। इसके साथ ही जोजिला पास को पार करने के लिए, ऑल वेदर रोड और टनल तैयार हो रही है।
लेहलद्दाख हाइवे पर बन रही यह सुरंग खेनमर्ग और द्वास को जोहेगी। यह 14.2 किमी लंबी है। हर साल जब श्रीनगर, लेह और लाख के इलाकों में भारी बर्फवारी होती है तो श्रीनगर-लेह-लदख हाइवे बंद हो जाता है, यह करीब 3-4 महीने बंद रहता है। इस टनल के पूरा होने के बाद इस रास्ते से सालभर आवाजाही हो सकेगी। इससे बॉर्डर पर तैनात सेना को बड़ा फायदा मिलेगा। जोनीला टनल समुद्र उल से 3,000 मीटर से भी ज्यादा ऊंचाई पर बन रही है। यह एशिया की सबसे ऊंचाई पर बनने वाली टनल है। इस टनल का निर्माण 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह श्रीनगर-कारगिल लेह नेशनल हाइवे के लिए बाईपास का काम करेगी। इस हाइवे के जरिए श्रीनगर से लेह जाने में करीब 10 घंटे का समय लगता है और काफी कका जेनिला पास में लग जाता है। जोौजिला टनल बनने के बाद यह दूरी कम हो जाएगी। एक बार जिला और सिंकुन ला टनल पूरी हो जाएगी तो इन दो रास्तों से लेह के लिए ऑल वेदर कनेक्टिविटी हो जाएगी