- भावांतर भरपाई योजना के तहत अब तक फल व सब्जी उत्पादक 12 हजार से अधिक किसानों को 33.26 करोड़ रुपये की राशि दी गई
गुरुग्राम, 20 अगस्त – हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि किसान हमारी अर्थव्यवस्था का मूल आधार हैं, इसलिए किसान मजबूर नहीं मजबूत होना चाहिए। किसानों की खुशहाली में ही प्रदेश और राष्ट्र की खुशहाली निहित है, इसलिए खेती और किसान हरियाणा सरकार की नीतियों के केन्द्र में हैं। सरकार फसलों के तैयार होने से लेकर बाजार में उसकी बिक्री तक किसानों को हर संभव सुविधा उपलब्ध करवा रहे हैं। इसी कड़ी में किसानों को जोखिम मुक्त बनाने के लिए सरकार ने भावांतर भरपाई योजना शुरू की। इस योजना के तहत अब तक फल व सब्जी उत्पादक 12 हजार से अधिक किसानों को 33 करोड़ 26 लाख रुपये की राशि दी गई है।
यह जानकारी मुख्यमंत्री ने सीएम की विशेष चर्चा कार्यक्रम के तहत गुरुग्राम से ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भावांतर भरपाई योजना के लाभार्थियों से सीधा संवाद करते हुए दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस ऑनलाइन संवाद कार्यक्रम की शुरुआत से आज तक अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से किसानों से यह आठवीं बार संवाद हो रहा है।
संवाद के दौरान किसानों ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि भावांतर भरपाई योजना लाकर हरियाणा सरकार ने सही मायनों में हमें सहारा देने का काम किया है। पहले हमें मंडियों में बाजार भाव से नीचे चले जाने पर भी अपनी उपज को कम दामों में बेचने के लिए मजबूर होना पड़ता था, लेकिन इस योजना के बाद से हम आश्वस्त रहते हैं कि बाजार भाव के नीचे चले जाने के बाद भी सरकार हमारी सहायता करेगी।
वर्तमान समय की जरूरत के हिसाब से खेती में नए व सफल प्रयोग करने वाले किसानों की सफलता से अन्य किसानों को भी मिली प्रेरणा
मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान समय की जरूरत के हिसाब से खेती में नए व सफल प्रयोग करने वाले किसानों ने साहसिक कार्य किया है। आपकी सफलता से अन्य किसानों को भी प्रेरणा मिली है और खेती में गेहूं व धान के चक्र से बाहर निकलकर बाजार की मांग के अनुसार फसलें बोने लगे हैं। उन्होंने कहा कि किसान फसल तो पैदा कर लेता है, लेकिन उसके सामने बाजार भावों की अनिश्चितता बनी रहती थी और कई बार तो कम कीमत पर फसल बेचने को मजबूर होते थे। किसानों की इस समस्या को हमने समझा और तय किया है कि फसल बोने से पहले ही किसानों को यह पता चल जाए कि फसल का कम से कम एक सुनिश्चित मूल्य तो मिलेगा ही। इसके लिए राज्य सरकार ने फल व सब्जियों के लिए जनवरी, 2018 से तथा बाजरे के लिए खरीफ-2021 से भावांतर भरपाई योजना शुरू की है। इसके तहत यदि बाजरे का भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे चला जाता है तो न्यूनतम समर्थन मूल्य और बाजार भाव के अंतर की राशि सरकार द्वारा किसानों को दी जाती है और यह राशि सीधे उनके खातों में डाली जाती है।
हरियाणा में मोटे अनाजों के उत्पादन को दे रहे बढ़ावा
मनोहर लाल ने कहा कि आज जिन किसानों से बात हो रही है, उनमें बाजरा पैदा करने वाले किसान भी हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया है। मोटे अनाज सेहत के लिए अच्छे हैं, इसलिए आज सेहत के लिए जागरूक लोगों में इनका सेवन करने का रूझान बढ़ा है और इनकी मांग न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी बढ़ी है। हम हरियाणा में भी मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा दे रहे हैं और किसान को भी इनके लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किये हैं।