- सूचना एवं लोक संपर्क विभाग का प्रचार अभियान जिला में प्रभावी रूप से जारी
रेवाड़ी
हरियाणा सरकार की महिला सशक्तिकरण व कन्या भ्रूण हत्या रोकने से संबंधित जनकल्याणकारी नीतियों को आमजन तक पहुंचाने के लिए सूचना, लोक संपर्क, भाषा तथा संस्कृति विभाग की ओर से चलाया जा रहा अभियान रेवाड़ी जिला में प्रभावी रूप से अपने उद्देश्य की सार्थकता को सिद्ध कर रहा है। सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के भजन पार्टी कलाकार विभाग के महानिदेशक डा. अमित कुमार अग्रवाल व डीसी मोहम्मद इमरान रजा के कुशल मार्गदर्शन में गांव-गांव पहुंचकर आम नागरिकों को कन्या भ्रूण हत्या रोकने व महिलाओं को सशक्त करने बारे भजनों व लोकगीतों के माध्यम से जागरूक व प्रेरित कर रहे हैं। प्रचार अमले के कलाकारों ने प्रचार के दौरान ‘क्यों रही गर्भ मै मार मन्नै-मां देखन दे संसार मन्नै…’ जैसे मर्मस्पर्शी लोक गीतों व भजनों के माध्यम से आमजन से समाज में फैली कन्या भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से समाप्त करने का आह्वान किया। कलाकारों ने इस मौके पर आमजन को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, आपकी बेटी हमारी बेटी, सुकन्या समृद्धि योजना सहित महिला सशक्तिकरण से संबंधित अनेक योजनाओं बारे लोक गायन शैली में जागरूक किया।
लिंग चयन व लिंग निर्धारण कराने पर है कैद व जुर्माने का प्रावधान
भजन पार्टी कलाकारों ने ग्रामीणों को कन्या भ्रूण हत्या रोकने बारे जागरूक करते हुए बताया कि पीसी, पीएनडीटी एक्ट को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए सरकार की ओर से कन्या भ्रूण हत्या करने व करवाने वालों को पकड़वाने पर एक लाख रुपए का इनाम दिया जाता है और सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाता है। पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट 1994 के तहत पंजीकृत सेंटर संचालक व डॉक्टर द्वारा पहली बार गर्भधारण पूर्व लिंग चयन और प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण संबंधी जुर्म करने पर 3 साल की कैद और 10 हजार रुपए जुर्माना तथा इसके उपरांत पुन: जुर्म करने पर 5 साल कैद और 50 हजार रुपए जुर्माना का प्रावधान है। पति/परिवार के सदस्य या लिंग चयन के लिए उकसाने वाले व्यक्ति के लिए एक्ट में पहले अपराध पर 50 हजार रुपए तक के जुर्माने के साथ 3 साल तक की कैद तथा इसके उपरांत पुन: अपराध करने पर एक लाख रुपये तक जुर्माने के साथ 5 साल तक की कैद का प्रावधान एक्ट में किया गया है। सरकार और जिला प्रशासन की ओर से कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लगाने व महिला सशक्तिकरण के लिए सराहनीय कदम उठाए जा रहे हैं ताकि बेटियां समाज में गर्व के साथ सिर उठाकर जी सकें।