A man walks past smoke emitted from a dump in the city of Port Harcourt, Rivers State, on February 14, 2017. The Nigerian city of Port Harcourt used to be known as "The Garden City", since late last year, black soot has been falling from the sky, scaring and angering residents who claim nothing is being done to protect their health. / AFP PHOTO / PIUS UTOMI EKPEI (Photo credit should read PIUS UTOMI EKPEI/AFP/Getty Images)
गुरुग्राम: 06 दिसंबर 2025
गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMDA) द्वारा शहरभर में चलाई जा रही बस सेवा का उद्देश्य नागरिकों को सुगम आवागमन उपलब्ध कराना था, लेकिन वर्तमान में इन बसों की अनियमितताओं ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है।
शहरवासियों का कहना है कि GMDA की बसें अक्सर निजी बसों की तरह व्यवहार करती हैं। कहीं भी सड़क पर रोक दी जाती हैं, जिससे सड़क पर चल रहे अन्य वाहनों को बाधा पहुँचती है और कई बार लंबा जाम लग जाता है। भीड़भाड़ वाले इलाकों में बसों की तेज और अनियंत्रित गति भी दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ा रही है।
प्रदूषण नियन्त्रण में लापरवाही
पूरा NCR और उत्तर भारत जहाँ प्रदूषण संकट से जूझ रहा है, ऐसे समय में GMDA बसों के धुएँ से स्थिति और बिगड़ रही है। शहरवासियों का आरोप है कि इन बसों की प्रदूषण जाँच व अन्य नियमों को लेकर शायद ही कभी चालान होता है।
लोगों का कहना है कि चालान न होने के कारण चालकों में यह भावना घर कर गई है कि “हम सरकारी हैं” और इसी सोच के चलते नियमों की अवहेलना बढ़ रही है। जहां सरकार हरित ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है तो जीएमडीओ को भी पहले तो अपने बेसन के तुरंत जांच करवा कर प्रदूषण तय मानक स्तर तक लाना चाहिए और भविष्य को देखते हुए अपनी सारी बसें डीजल इंजन की बजाय इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ आगे बढ़ना चाहिए।
भीड़भाड़ और सुरक्षा की समस्या
ये बसें अक्सर क्षमता से अधिक यात्रियों को लेकर चलती हैं, जिससे सुरक्षा संबंधी खतरे बढ़ जाते हैं। कई रूट्स पर बसें खाली चलती हैं, जबकि कुछ रूट्स पर अत्यधिक भीड़ देखने को मिलती है, जो रूट-प्लानिंग में खामियों की ओर इशारा करती है।
आईएमटी इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के संरक्षक पवन यादव ने कहा कि परिवहन विभाग और पुलिस को तुरंत एक्शन लेना चाहिए।
उन्होंने मांग की
- सभी GMDA बसों का सर्वेक्षण किया जाए
- कागज़ात, कम्प्लायंस और फिटनेस की जाँच हो
- रूट संरचना की पुनः समीक्षा की जाए
- क्षमता से अधिक यात्रियों को ले जाने पर निजी वाहनों की तरह चालान किया जाए
- जो बसे प्रदूषण फैल रही है उनको तुरंत प्रभाव से बंद कर देना चाहिए।
शहरवासियों और उद्योग जगत का मानना है कि यदि सुधार नहीं हुआ तो ये बसें जनता की सुरक्षा व पर्यावरण दोनों के लिए गंभीर खतरा बनी रहेंगी।
