लोक अदालत में दोनों पक्षों की आपसी सहमति और राजीनामे से विवादों का समाधान किया जाता है
गुरुग्राम, 12 अगस्त।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण और हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा 14 सितंबर को जिला गुरुग्राम में एक राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य अदालत में लंबित मुकदमों का शीघ्र निस्तारण करना है। वादकारी स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से लोक अदालत में सुलह समझौते के जरिए अपने मामलों का समाधान कर सकते हैं।
आपसी सहयोग और सौहार्दपूर्ण वातावरण में निपटाने के लिए किया जा रहा है
जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की सचिव रमेश चंद्र ने बताया कि इस लोक अदालत का आयोजन न्यायालय में लंबित मामलों को आपसी सहयोग और सौहार्दपूर्ण वातावरण में निपटाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति का कोई प्रकरण न्यायालय में लंबित है, तो वह लोक अदालत के माध्यम से उसका निस्तारण करा सकता है।
मोटर एक्सीडेंट, एनआई एक्ट, फौजदारी, राजस्व, और वैवाहिक विवाद जैसे मामलों का निपटारा किया जाएगा।
लोक अदालत में दोनों पक्षों की आपसी सहमति और राजीनामे से विवादों का समाधान किया जाता है, जो कि शीघ्र और सुलभ न्याय सुनिश्चित करता है। इस प्रक्रिया से किसी भी अपील की आवश्यकता नहीं होती, और मामला अंतिम रूप से निपटाया जाता है। राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक लोन, मोटर एक्सीडेंट, एनआई एक्ट, फौजदारी, राजस्व, और वैवाहिक विवाद जैसे मामलों का निपटारा किया जाएगा।
लोक अदालत में हल हो सकने वाले मामलों के समाधान में यह व्यवस्था बहुत ही कारगर साबित हो रही है।
रमेश चंद्र ने बताया कि लोक अदालत में हल हो सकने वाले मामलों के समाधान में यह व्यवस्था बहुत ही कारगर साबित हो रही है। लोक अदालत में सुनाए गए फैसले की महत्वता सामान्य अदालत के फैसले के समान होती है, और इन फैसलों के खिलाफ अपील दायर नहीं की जा सकती। लोक अदालतें सस्ता और सुलभ न्याय प्रदान करती हैं, जिससे समय और पैसा दोनों की बचत होती है। इन अदालतों में कोई भी पक्ष हार या जीत का सामना नहीं करता, बल्कि दोनों पक्षों की आपसी सहमति से विवादों का समाधान किया जाता है।