-वीरवार को 242 मीट्रिक टन गेंहू व 2 हजार 742 मीट्रिक टन सरसों खरीदी गई
गुरुग्राम, 5 अप्रैल।
डीसी निशांत कुमार यादव ने बताया कि जिला में विभिन्न खरीद एजेंसियों द्वारा गेंहू व सरसों की खरीद जारी है। जिला की मंडियों व खरीद केंद्रों में अब तक 281 मीट्रिक टन गेंहू व 16 हजार 483 मीट्रिक टन सरसों की खरीद की गई है। सरकार द्वारा गेंहू के लिए 2275 रूपए प्रति क्विंटल तथा सरसों के लिए 5650 रूपए प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया गया है।
डीसी ने बताया कि जिला में अब तक 281 टन गेंहू की खरीद की गई है, जिसमें से 70 मीट्रिक टन फर्रुखनगर, 39.5 मीट्रिक टन सोहना व 171 मीट्रिक टन हेलीमंडी में खरीद हुई है। गत वीरवार को जिला की चारों मंडियों में कुल 242 मीट्रिक टन गेंहू की खरीद की गई। इसी प्रकार जिला में अब तक 16 हजार 483 मीट्रिक टन सरसों की खरीद की गई है। जिसमें से 4716 मीट्रिक टन फर्रुखनगर, 3 हजार 200 मीट्रिक टन सोहना व हेलीमंडी में 8 हजार 566 मीट्रिक टन सरसों की खरीद हुई है। गत वीरवार को जिला की तीनों मंडियों में कुल 2 हजार 742 मीट्रिक टन सरसों की खरीद की गई।
डीसी ने बताया कि जिला की तीनों अनाज मंडियों से हैफेड और हरियाणा वेयरहाउसिंग कार्पाेरेशन द्वारा 5 अप्रैल तक 817 मीट्रिक टन सरसों का उठान किया जा चुका है। उन्होंने किसानों का आह्वान किया है कि वे अपनी फसलों को साफ एवं सुखाकर मंडियों में लाए। किसान फसल अवशेषों को न जलाए। फसल अवशेषों से पशुओं के लिए चारा बनाकर चारे की कमी को दूर किया जा सकता है। फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है तथा जानमाल की हानि होनेे का अंदेशा बना रहता है। फसल अवशेष जलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कमजोर होती है तथा किसान के मित्र कीट भी नष्ट हो जाते हैं। जिला में फसल अवशेष जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।