मैं उन पवन पुत्र को नमन करता हूं, जो दुष्टों को भस्म करने के लिए अग्नि के समान हैं। जो अज्ञान रूपी अंधकार का नाश करने वाले हैं, जिसके हृदय में धनुष-बाण धारण करने वाले प्रभु श्री राम निवास करते हैं।
प्रभु श्री राम निवास करते हैं।
आज का पंचांग एवं ग्रहों की स्थिति
प्रनवउं पवनकुमार खल बन पावक ज्ञानघन।
जासु हृदय आगार बसहिं राम सर चाप धर॥
अर्थ:
मैं उन पवन पुत्र को नमन करता हूं, जो दुष्टों को भस्म करने के लिए अग्नि के समान हैं। जो अज्ञान रूपी अंधकार का नाश करने वाले हैं, जिसके हृदय में धनुष-बाण धारण करने वाले प्रभु श्री राम निवास करते हैं।
जय जय श्री राधे
IIआज का पंचांग एवं ग्रहों की स्थिति II
श्री गणेशाय नमः, जय श्री कृष्ण
सब सुखी व स्वस्थ रहें
विक्रम संवत 2082
संवत्सर नाम -: सिद्धार्थी
संवत्सर राजा-: सूर्य
संवत्सर मंत्री-: सूर्य
सूर्य दक्षिणायण, ऋतु-: शरद
सूर्य उदय : प्रातः 6/03
सूर्य अस्त : सायं 6/40
भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि
अंग्रेजी दिनांक-: 2/9/2025
दिन-: मंगलवार
चंद्रमा-: धनु राशि में
राशि स्वामी-: गुरु
आज का नक्षत्र -: मूल रात्रि 9/52 तक उसके बाद पूर्वाषाढा
नक्षत्र स्वामी – : केतु/शुक्र
✨️ चंद्रमा का नक्षत्र प्रवेश-:
प्रात:8/53 से मूल नक्षत्र चरण 3 में
दोपहर 3/22 से मूल नक्षत्र चरण 4 में
रात्रि 9/51 से पूर्वाषाढा नक्षत्र चरण 1 में
योग-: सायं 4/39 तक प्रीति योग-: ये एक शुभ योग है
सायं 4/40 से आयुष्मान योग-: इस योग में शुरू किए गए कार्य लंबे समय तक शुभ फल देते हैं. इसे चंद्र देवता का शासन प्राप्त है. यह सगाई, शादी, व्यापार की शुरुआत, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्यों के लिए बहुत मंगलकारी माना जाता है.
आज के मुख्य पर्व/भद्रा/पंचक/गन्डमूल आदि
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– : गन्डमूल
♻️आज की शुभ दिशा -: दक्षिण-पूर्व
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♻️ दिशा शूल -: उत्तर दिशा की ओर यात्रा करने से बचें, अति आवश्यक होने पर गुड प्रस्थान करें
आज की ग्रह स्थिति -:
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सूर्य -: सिंह राशि (राशि स्वामी सूर्य) पूर्वा फाल्गुनी चरण 1 में नक्षत्र चरण 1 में ( नक्षत्र स्वामी शुक्र)
मंगल -: कन्या राशि (राशि स्वामी बुद्ध) हस्त नक्षत्र चरण 4 में (नक्षत्र स्वामी चंद्र)
बुद्ध -: सिंह राशि (राशि स्वामी सूर्य)मघा नक्षत्र चरण 1 में ( नक्षत्र स्वामी केतु)
गुरु -: मिथुन राशि (राशि स्वामी बुद्ध) पुनर्वसु नक्षत्र चरण 2 में ( नक्षत्र स्वामी गुरु)
शुक्र -: कर्क राशि (राशि स्वामी चंद्र)पुष्य नक्षत्र चरण 4 में ( नक्षत्र स्वामी शनि)
शनि(वक्री) -: मीन राशि (राशि स्वामी गुरु)उत्तर भाद्रपद नक्षत्र चरण 1 में(नक्षत्र स्वामी शनि)
राहु-: कुंभ (राशि राशि स्वामी शनि)पूर्व भाद्रपद नक्षत्र चरण 2 में (नक्षत्र स्वामी गुरु)
केतु-: सिंह राशि( राशि स्वामी सूर्य) पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र चरण 4 में (नक्षत्र स्वामी शुक्र)
राहु काल -: दोपहर 3/30 सायं 5/00 बजे तक कोई शुभ या नया कार्य न करें
दैनिक लग्न सारणी -:
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प्रात-: 7/10 तक सिंह
9/26 तक कन्या
दोपहर 11/44 तक तुला
2/03 तक वृश्चिक
सायं 4/07 तक धनु
5/50 तक मकर
सायं 7/18 तक कुम्भ
रात्रि 8/42 तक मीन
10/18 तक मेष
12/13 तक वृष
