चंडीगढ़: पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) हरियाणा प्रशांत कुमार अग्रवाल ने राज्य में अपराध और कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता की। बैठक नूंह जिले के द्वितीय आईआरबी टूंडलाका के पुलिस परिसर में आयोजित की गई।
बैठक में सभी पुलिस रेंज एडीजीपी, सीपी, जिला एसपी और पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे।
बैठक के दौरान, डीजीपी ने हाल ही में नूंह में साइबर अपराधियों पर प्रहार कर की गई सफल कार्रवाई के लिए अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि साइबर जालसाजों की ठिकानों पर एक साथ की गई कार्रवाई से देश भर में उनकी अवैध गतिविधियों को प्रभावी ढंग से बाधित किया है। साइबर अपराध की सीमाहीन प्रकृति को देखते हुए उन्होंने देश भर में फैले ऐसे जालसाजों के नेटवर्क को खत्म करने के लिए और अधिक समन्वित प्रयासों के महत्व पर बल दिया।
डीजीपी ने अपराध परिदृश्य की व्यापक समीक्षा करते हुए संगठित अपराध और जबरन वसूली में लिप्त गैंगस्टरों और खूंखार अपराधियों से निपटने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और सभी फील्ड यूनिट को ऐसे अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। पुलिस ऐसे अपराधियों के खिलाफ खुफिया जानकारी जुटाते हुए उनकी काली कमाई से अर्जित की गई संपत्ति की कुर्की के लिए आवश्यक कार्रवाई करे।
उन्होंने सभी सीपी और जिला एसपी को अवैध हथियारों की तस्करी को रोकने, मादक पदार्थ के सप्लायरस और अन्य भगोड़ों को गिरफ्तार करने और लंबित मामलों के समाधान में तेजी लाने के निर्देश दिए।
पुलिस अधिकारियों ने महिलाओं और समाज के अन्य कमजोर वर्गों के खिलाफ अपराधों की समीक्षा करते हुए उन्हें प्रभावी ढंग से निपटते हुए उनका मुकाबला करने की आवश्यकता पर बल दिया।
सनसनीखेज अपराधों में युवाओं की बढ़ती संलिप्तता पर नजर रखने वाली ग्राम प्रहरी योजना के कार्यान्वयन की स्थिति की भी समीक्षा की गई।
बैठक में सजा दर पर प्रस्तुत की गई एक रिपोर्ट के साथ, आपराधिक मामलों में सजा दर की निगरानी पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। डीजीपी ने अधिकारियों को समन्वित प्रयासों और प्रभावी अदालती कार्यवाही के माध्यम से सजा दर बढ़ाने का निर्देश दिया।