
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने आखिरकार अपनी नई राजनीतिक पार्टी जनशक्ति जनता दल (Janshakti Janata Dal – JJD) के गठन का ऐलान कर दिया है। पार्टी का चुनाव चिन्ह ब्लैकबोर्ड रखा गया है। तेज प्रताप ने कहा कि इस पार्टी का उद्देश्य “जनता की असली आवाज़” बनना और बिहार की राजनीति में नया विकल्प देना है।
राजद से निष्कासित होने के बाद से ही तेज प्रताप लगातार नई राजनीतिक दिशा की तलाश में थे। अब उन्होंने 26 सितंबर 2025 को औपचारिक रूप से अपनी पार्टी की घोषणा करते हुए खुद को राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया है। उन्होंने पार्टी के कार्यालय का उद्घाटन भोजपुर जिले के बिहिया में किया। तेज प्रताप ने अपने नए संगठन के साथ पांच छोटी क्षेत्रीय पार्टियों का गठबंधन भी किया है— इनमें विकास वंचित इंसान पार्टी (VVIP), भोजपुरीया जन मोर्चा (BJM), प्रगतिशील जनता पार्टी (PJP), वाजिब अधिकार पार्टी (WAP) और संयुक्त किसान विकास पार्टी (SKVP) शामिल हैं। उनका कहना है कि “Team Tej Pratap” बिहार में जनता की नई आवाज़ बनेगी।
तेज प्रताप ने यह भी संकेत दिया है कि वे महुआ सीट से चुनाव लड़ सकते हैं, जहाँ से वे पहले विधायक रह चुके हैं। वहीं राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि तेज प्रताप की यह नई पार्टी राजद और तेजस्वी यादव के लिए सिरदर्द बन सकती है। अगर वे 10–12 हजार वोट भी खींच लेते हैं तो कम-से-कम 10 से 15 सीटों पर सीधा असर पड़ेगा। इससे विपक्षी गठबंधन की एकजुटता पर भी प्रश्नचिह्न लग सकता है।
राजनीतिक तौर पर यह कदम तेज प्रताप के लिए “स्वतंत्र पहचान” की शुरुआत है, लेकिन यह लालू परिवार की सियासी दरार को भी उजागर करता है। आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में यह देखना दिलचस्प होगा कि तेज प्रताप यादव की जनशक्ति जनता दल जनता के बीच कितनी पकड़ बना पाती है और क्या यह पार्टी राजद के वोट बैंक को नुकसान पहुंचाने में सफल होती है या नहीं।