नितिन गडकरी ने गुरुग्राम के लोगों को जल्द जाम से मुक्ति का दिया भरोसा
- गुरुग्राम, 31 जुलाई : केंद्रीय मंत्री नितिन गड़़करी ने कहा कि दुनिया में निराशा का भाव फैला हुआ है, ऐसे पूरा विश्व शांति के लिए हमारी संस्कृति की तरफ देख रहे हैं। हमारे संतों ने विदेशों की धरती पर हमारी संस्कृति, विरासत और इतिहास का प्रचार प्रसार किया है और वहां के लोगों को नई दिशा दी है। हमारी उपासना पद्धति अलग-अलग हो सकती है, लेकिन संस्कृति, विरासत, इतिहास एक है और यही भारत की विशेषता है।
- सोमवार को नितिन गडकरी गुरुग्राम में बनने वाले भारत अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र के शिलान्यास अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय संस्कृति महोत्सव के अंतिम दिन के पहले सत्र को संबोधित कर रहे थे। उनके साथ महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी और मेघालय के पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद, केंद्र के संरक्षक लक्ष्मी नारायण भाला, केंद्र के मुख्य संयोजक अमित जैन सहित अनेक गणमान्य लोग भी मंच पर उपस्थित रहे।
- केंद्रीय मंत्री ने धर्मनिरपेक्षता पर बोलते हुए कहा कि इसे समझना जरूरी हैं। व्यक्ति कभी भी धर्मनिरपेक्ष नहीं हो सकता। शासन को धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए। उन्होंने सेक्यूलर शब्द पर कहा कि इसका अर्थ भी सर्वधर्म सम्भाव है। धर्म का संबंध कर्तव्य के साथ होता है। हिंदुत्व का अर्थ जीवन पद्धति है। हमारा इतिहास, संस्कृति हमें विरासत से मिली हैं। रामायण, महाभारत और साधु-संतों के मार्गदर्शन से मिली है।
- गड़़करी ने कहा कि मोदी सरकार का लक्ष्य किसान, गरीब का कल्याण करना है। भय और भूख से लोगों को मुक्त कर देश को विश्व की नंबर एक आर्थिक शक्ति बनाना ही मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार का लक्ष्य है। इसके साथ ही हमारे इतिहास, संस्कृति, विरासत को दुनिया के आखिरी व्यक्ति तक पहुंचाना है। विश्व में जो भी निराशा फैली हुई है, उससे निकालने के लिए हमारी संस्कृति को दुनिया में फैलाना है और यह केंद्र निश्चित ही यह कार्य करेगा।
- गडकरी ने कहा कि अलग भाषा, अलग भेष, अलग-अलग रहन-सहन होने के बावजूद हमारी संस्कृति एक है, यही भारत की विशेषता है। हमारी भारतीय संस्कृति, मूल्यदृष्टि जीवन पद्धति, मूल्य दृष्टि परिवार पद्धति विश्व के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। स्वाभाविक रूप से हमारा इतिहास, हमारी संस्कृति हमारी विरासत, हमारा साहित्य, हमारी कलाएं इन सब बातों का जतन करना ही हमारे समाज की सबसे बड़ी आवश्यकता है।
- गड़करी ने कहा कि किसी भी देश के इतिहास में उसका अगर भविष्य हमें देखना है तो स्वाभाविक रूप से उस देश का इतिहास, संस्कृति और दोनों के आधार पर समग्र जीवन का जो परिणाम होता है उस पर ध्यान देना होगा, जिससे व्यक्ति संस्कारित होते हैं और उनके व्यवहार से ही देश की प्रतिमा पूरे विश्व में खड़ी होती है। भले ही इतिहास भूतकालीन है, पर वर्तमान में भाविष्य का भेद करने के लिए हमारे लिए यह बहुत उपयोगी है।