नवीनतम तकनीक का यह प्रोजेक्ट सफल रहा तो हरियाणा के अन्य क्षेत्रों में करेंगे सहयोग: श्री किम्मो लाहदेवरिता, राजदूत फिनलैंड
- मीकाडा के प्रशासक डॉ सतबीर सिंह कादियान ने कहा, हरियाणा में स्वच्छ पानी के गैप को पूरा करने के लिए निरन्तर नए इनीशिएटिव पर दिया जा रहा जोर
गुरुग्राम, 3 अक्तूबर। प्रदेश में पारंपरिक जल स्त्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा धरातल पर गंभीर प्रयास किये जा रहे हैं। इन प्रयासों के तहत सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सुखराली गांव के तालाब के पानी के शुद्धिकरण के लिए फिनलैंड दूतावास से सहयोग लिया है। फिनलैंड दूतावास इस तालाब के शुद्धिकरण के लिए करीब एक करोड़ रुपये खर्च करेगा। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में कैबिनेट ने दोनों देशों के बीच सहयोग के ज्ञापन को मंजूरी दी थी। जिसमें वायु और जल प्रदूषण की रोकथाम और शुद्धिकरण, अपशिष्ट प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन सहित अन्य क्षेत्रों में साझेदारी शामिल है।
गाँधी जंयती के अवसर पर सुखराली गांव के तालाब पर आयोजित कार्यक्रम में भारत मे फ़िनलैंड के राजदूत किम्मो लाहदेवरिता व सूक्ष्म सिंचाई एवं कमान क्षेत्र विकास प्राधिकरण (मीकाडा) के प्रशासक डॉ सतबीर सिंह कादियान ने इस पायलट प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया। इस दौरान फिनलैंड दूतावास में भारतीय व्यापार के परामर्शदाता व सर्कुलर इकोनामी तथा वानिकी के साथ-साथ जल संसाधन विशेषज्ञ डा. एंट्टी हर्लेवी सहित मिकाडा के मुख्य अभियंता सुरेश यादव व इंडो नार्डिक वाटर फोरम के संयोजक अंशुल जैन भी मौजूद रहे।
पायलट प्रोजेक्ट के तहत पर जल शुद्धिकरण की इस पूरी प्रक्रिया की निरन्तर मोनिटरिंग की जाएगी। जिसमें मीकाडा के साथ फिनलैंड दूतावास का यह पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा तो भविष्य में इसे नगर निगम गुरुग्राम को सौंपकर अन्य तालाबों पर भी पानी शुद्धिकरण के लिए काम किया जाएगा। गौरतलब है कि वैश्विक स्तर पर पीने के पानी की शुद्धता के इंडेक्स में फिनलैंड में पीने के पानी की गुणवत्ता सबसे बेहतर मानी जाती है। वहीँ प्रदेश में जल संरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल के मार्गदर्शन में जल संरक्षण व शुद्धिकरण के लिए विभिन्न योजनाओं व परियोजनाओं की भी शुरुआत की गई है। प्रदेश में पानी की गुणवत्ता और जल संरक्षण के लिए पूर्व में जल कांक्लेव का आयोजन किया गया। इस कांक्लेव में जल संरक्षण विशेषज्ञों के साथ-साथ फिनलैंड दूतावास से जल विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया।
गांव सुखराली में आयोजित कार्यक्रम में राजदूत किम्मो लाहदेवरिता ने कहा कि जल शुद्धिकरण के इस महत्वपूर्ण पायलट प्रोजेक्ट को फ़िनलैंड व भारत द्वारा संयुक्त रूप से शुरू किया गया है। इस अभ्यास में इंडो नार्डिक वाटर फोरम का भी सहयोग रहेगा। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरी आशा है कि भविष्य में यह पायलट प्रोजेक्ट कमर्शियल प्रोजेक्ट को भी लीड करेगा। जहां इस तकनीक का इस्तेमाल लोगों के लाभ के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऑक्स ट्यूब व ऑक्सीटेक रिक्लेमेशन टेक्नोलॉजी का यह प्रयास सफल रहा तो इसे हरियाणा प्रदेश सहित अन्य राज्य में भी शुरू किया जाएगा।