पोस्टपार्टम डिप्रेशन में थी एक्ट्रेस, 1 साल का बेटा घर छोड़कर काम पर लौटने का हुआ मलाल, बोली- हर महिला
हाल ही में एक प्रमुख बॉलीवुड एक्ट्रेस ने अपने पोस्टपार्टम डिप्रेशन और मातृत्व के अनुभव को साझा किया, जिससे न केवल उनके फैंस बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों में एक महत्वपूर्ण चर्चा शुरू हो गई है। एक्ट्रेस ने खुलासा किया कि कैसे वह अपने 1 साल के बेटे को घर छोड़कर काम पर लौटने के बाद मानसिक तनाव और आत्मग्लानि का सामना कर रही थीं।
एक्ट्रेस ने बताया कि मातृत्व की शुरुआत के बाद उन्हें गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा। पोस्टपार्टम डिप्रेशन एक गंभीर स्थिति है, जो कई माताओं को प्रभावित करती है, और इसके लक्षणों में उदासी, चिंता, थकान और आत्म-संदेह शामिल होते हैं। उन्होंने अपनी बात में यह भी उल्लेख किया कि इस स्थिति से उबरना आसान नहीं होता, और हर महिला के लिए इस अनुभव को साझा करना जरूरी है।
एक्ट्रेस ने स्वीकार किया कि काम पर लौटने के बाद उन्हें अपने बेटे के प्रति guilt का एहसास हुआ। उन्होंने कहा, “हर महिला को अपने करियर और परिवार के बीच संतुलन बनाने का प्रयास करना पड़ता है, लेकिन यह आसान नहीं होता। मुझे कभी-कभी यह महसूस होता था कि मैंने अपने बेटे को अकेला छोड़ दिया है।”
उनका यह बयान उन माताओं के लिए एक प्रेरणा बन गया है जो इसी तरह की स्थिति का सामना कर रही हैं। उन्होंने सभी महिलाओं से आग्रह किया कि वे अपनी भावनाओं के प्रति ईमानदार रहें और अगर उन्हें जरूरत हो तो सहायता मांगें।
एक्ट्रेस ने इस बात पर भी जोर दिया कि समाज में मातृत्व और कामकाजी महिलाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “हमें इस धारणा को बदलना होगा कि माताएं काम नहीं कर सकतीं या उन्हें अपने परिवार से दूर नहीं जाना चाहिए।”
उन्होंने सलाह दी कि महिलाओं को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में संकोच नहीं करना चाहिए और उन्हें मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर खुलकर बात करनी चाहिए।
इस एक्ट्रेस का अनुभव यह दर्शाता है कि मातृत्व एक खूबसूरत लेकिन चुनौतीपूर्ण यात्रा है। पोस्टपार्टम डिप्रेशन एक गंभीर मुद्दा है, और इसे खुले तौर पर चर्चा करने की आवश्यकता है। उनकी कहानी ने यह संदेश दिया है कि हर महिला के लिए अपने अनुभवों को साझा करना और अपनी मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना महत्वपूर्ण है। उम्मीद है कि इस तरह के खुलासे अन्य महिलाओं को अपनी भावनाओं का सामना करने और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होने में मदद करेंगे।