
18 September 2025 बिहार विधानसभा चुनाव करीब आते ही राज्य के लगभग 60% युवाओं को लेकर राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं। एक ओर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अपनी “बिहार अधिकारी यात्रा के दौरान मोकामा में गाड़ी पर खड़े होकर युवाओं को कलम बांटते नजर आए, वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बेरोजगार युवाओं को प्रति माह भत्ता देने की घोषणा की है।इस पूरे घटनाक्रम ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। एनडीए नेता लगातार तेजस्वी यादव की शैक्षणिक योग्यता को निशाना बना रहे हैं। बीजेपी प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने टिप्पणी करते हुए कहा,एनडीए की सरकार युवाओं के भविष्य की चिंता करती है। बेरोजगारी भत्ता युवाओं को सहारा देगा। तेजस्वी यादव खुद नौंवी फेल हैं और अब कलम बांट रहे हैं। जिस दिन जनता उन्हें बेरोजगार कर देगी, वे भी बेरोजगारी भत्ते का आवेदन करेंगे।
वहीं जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने तंज कसा, तेजस्वी यादव को अब कलम बांटने की जरूरत क्यों पड़ रही है? जिस उम्र में उन्हें पढ़ाई करनी चाहिए थी, उस समय उन्होंने कलम से दूरी बना ली थी। युवाओं को रोजगार देना नीतीश मॉडल की पहचान है और सरकारी योजनाओं से युवाओं को सीधा फायदा मिलेगा।”दूसरी ओर विपक्षी दलों ने नीतीश सरकार की घोषणा को चुनावी “लुभावना वादा” बताया है। कांग्रेस प्रवक्ता आनंद माधव ने कहा कि, “बिहार के 60% युवा सिर्फ 1000 रुपये बेरोजगारी भत्ता और लैपटॉप पाकर नीतीश सरकार के झांसे में नहीं आएंगे। जनता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए तैयार है।
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने भी कहा, एनडीए सरकार की विदाई तय है। नीतीश सरकार सिर्फ घोषणाएं कर रही है, जो चुनाव बाद जुमला साबित होंगी। आने वाला समय तेजस्वी यादव का है।