
4 october 2025 बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सीटों के बंटवारे की गहमागहमी अब चरम पर है। एनडीए हो या महागठबंधन, दोनों ही गठबंधनों में तालमेल बनाने की कोशिशें अंतिम दौर में हैं, लेकिन अभी भी कई पेंच फंसे हुए हैं।”एनडीए में इस बार जेडीयू बीजेपी से एक सीट अधिक लड़ेगी। अनुमान है कि जेडीयू लगभग 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि बीजेपी के खाते में भी 100 के करीब सीटें आएंगी। पिछले चुनाव में जेडीयू 115 और बीजेपी 110 सीटों पर थी।बचे हुए 40 सीटों का बंटवारा एनडीए के सहयोगियों ,चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा ,के बीच होगा। माना जा रहा है कि चिराग पासवान को 20-25 सीटों का ऑफर मिलेगा। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या चिराग इस ऑफर पर मानेंगे, क्योंकि उनके अनुसार कम से कम 30 सीटें बनती हैं।चिराग की कोशिश रहेगी कि लोकसभा की तरह विधानसभा में भी अच्छा प्रदर्शन किया जाए। यही प्रदर्शन आगे सरकार बनाने की रणनीति पर असर डालेगा। अब खबर ये भी है कि चिराग और रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बीच भी सीधे बातचीत की संभावनाएं बन रही हैं।
दूसरी तरफ महागठबंधन में भी हलचल है। सहयोगी दलों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है। इसमें आरजेडी, कांग्रेस, माले, सीपीआई, सीपीएम, वीआईपी, जेएमएम और पशुपति पारस की पार्टी शामिल हैं।आरजेडी इस बार करीब 105-110 सीटें लड़ेगी, जबकि कांग्रेस 62-64 सीटों पर संतुष्ट हो सकती है। तेजस्वी यादव की चुनौती ये है कि महागठबंधन बड़ा जरूर हो रहा है, लेकिन सीटों का बंटवारा जटिल है।वीआईपी के मुकेश सहनी 60 सीटों की मांग कर रहे हैं और डिप्टी सीएम का पद भी चाहते हैं। पिछली बार वे एनडीए के साथ थे और 13 सीटों में से 4 जीत हासिल की थी। माले, सीपीआई और सीपीएम को पिछली बार की तरह सीमित सीटें मिल सकती हैं, जबकि जेएमएम और पशुपति पारस को 3-4 सीटें दी जाएंगी।
कुल मिलाकर बिहार में सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों गठबंधनों में हलचल और तकरार जारी है। राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि अगले कुछ दिनों में ही सभी मुद्दों को सुलझाकर अंतिम सीटों का बंटवारा कर दिया जाएगा।बिहार की राजनीति में ये खेल अब सिर्फ दलों के बीच नहीं, बल्कि सीटों और रणनीति पर केंद्रित हो गया है।