दिल्ली, 15 दिसंबर 2025
हाल ही में प्रशांत किशोर की प्रियंका गांधी से हुई अचानक मुलाकात राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है। यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब 2025 बिहार विधानसभा चुनाव में जन सुराज पार्टी समेत विपक्ष को उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिली और प्रशांत किशोर को खुद भी करारी हार का सामना करना पड़ा।
चुनावी हार के बाद प्रशांत किशोर दिल्ली पहुंचे और कांग्रेस नेतृत्व से बातचीत की। इसी दौरान उनकी प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की खबर सामने आई। खास बात यह है कि इससे पहले 2022 में भी दोनों के बीच बातचीत हुई थी, लेकिन तब कोई ठोस नतीजा नहीं निकला था।
चुनाव में हार के बाद विपक्षी दल अब आत्ममंथन कर रहे हैं। प्रशांत किशोर की कांग्रेस से मुलाकात इस ओर इशारा करती है कि आगे की राजनीति और संभावित गठबंधन पर सोच-विचार हो सकता है।
कांग्रेस हाल के चुनावों में कमजोर प्रदर्शन से जूझ रही है। ऐसे में प्रशांत किशोर जैसे अनुभवी चुनावी रणनीतिकार का अनुभव पार्टी के लिए उपयोगी साबित हो सकता है।
चुनाव से पहले प्रशांत किशोर छात्रों के मुद्दों और आंदोलनों में सक्रिय थे। अब हार के बाद वे अपने राजनीतिक भविष्य के लिए नए रास्ते तलाश रहे हैं, और कांग्रेस से बातचीत उसी का हिस्सा मानी जा रही है।
अभी तक बैठक की आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन जानकारों का मानना है कि इसमें विपक्ष की रणनीति, गठबंधन की संभावनाएं और आगे की राष्ट्रीय राजनीति पर चर्चा हुई होगी।
अंत में, यह मुलाकात सिर्फ एक शिष्टाचार भेंट नहीं मानी जा रही, बल्कि इसे आने वाले राजनीतिक बदलावों की भूमिका के तौर पर देखा जा रहा है। बिहार चुनाव के बाद बदले हालात में प्रशांत किशोर और कांग्रेस, दोनों ही नए विकल्पों और नई रणनीति की तलाश में हैं। ऐसे में प्रियंका गांधी से हुई यह बातचीत आने वाले समय में किसी बड़े राजनीतिक फैसले या नए समीकरण की शुरुआत बन सकती है। अब सबकी नजर इस पर टिकी है कि यह मुलाकात महज चर्चा तक सीमित रहती है या आगे चलकर विपक्षी राजनीति में कोई बड़ा मोड़ लाती है।
