बिहार , 15 दिसम्बर 2025
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने एक बड़ा और चौंकाने वाला संगठनात्मक फैसला लेते हुए बिहार सरकार के मंत्री और वरिष्ठ नेता नितिन नबीन को पार्टी का नया राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह नियुक्ति केवल एक पद परिवर्तन नहीं मानी जा रही, बल्कि इसे बीजेपी की नेक्स्ट जनरेशन लीडरशिप रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
संसदीय बोर्ड का फैसला, तत्काल प्रभाव से लागू
बीजेपी की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि पार्टी के संसदीय बोर्ड ने नितिन नबीन को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है और यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
जेपी नड्डा की राह पर नितिन नबीन?
दिलचस्प बात यह है कि इससे पहले मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी पहले कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। करीब सात महीने बाद उन्हें पार्टी का पूर्णकालिक राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया। ऐसे में नितिन नबीन की यह नई भूमिका भविष्य में उनके लिए और बड़ी जिम्मेदारी के संकेत दे रही है।
बिहार से पहली बार राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष
बीजेपी के इतिहास में यह पहली बार है जब बिहार से किसी नेता को राष्ट्रीय अध्यक्ष (कार्यकारी) की जिम्मेदारी सौंपी गई है। महज 45 साल की उम्र में इतना बड़ा पद मिलना इस बात को दर्शाता है कि पार्टी अब युवा, ऊर्जावान और संगठनात्मक नेताओं पर भरोसा जता रही है।
बांकीपुर से लगातार पांचवीं जीत
नितिन नबीन पटना की बांकीपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं और हालिया विधानसभा चुनाव में उन्होंने लगातार पांचवीं बार जीत दर्ज की है। चुनावी सफलता के बाद उन्हें नीतीश सरकार में मंत्री भी बनाया गया।
राजनीतिक विरासत और मजबूत पकड़
नितिन नबीन, बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे दिवंगत नवीन किशोर सिन्हा के पुत्र हैं। नवीन किशोर सिन्हा पटना से सात बार विधायक रहे थे। उनके निधन के बाद नितिन नबीन ने इस राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया और खुद को एक मजबूत जमीनी नेता के रूप में स्थापित किया।
2006 से लगातार जीत का सिलसिला
नितिन नबीन ने वर्ष 2006 में उपचुनाव के जरिए अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। तब से लेकर अब तक वे लगातार बांकीपुर सीट से जीतते आ रहे हैं। उन्होंने एक चुनाव में अभिनेता और सांसद रहे शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा को भी हराया था।
छत्तीसगढ़ में संगठनात्मक सफलता
वर्तमान में नितिन नबीन बीजेपी के छत्तीसगढ़ प्रभारी भी हैं। 2023 के विधानसभा चुनावों में जहां कांग्रेस सत्ता में वापसी को लेकर आश्वस्त थी, वहीं बीजेपी ने अप्रत्याशित जीत दर्ज की।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, नितिन नबीन ने वहां बूथ लेवल मैनेजमेंट, मैन-टू-मैन मार्किंग और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने जैसी रणनीतियों पर खास फोकस किया, जिसका सीधा असर चुनावी नतीजों में देखने को मिला।
युवा मोर्चा से राष्ट्रीय नेतृत्व तक
नितिन नबीन पहले बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री भी रह चुके हैं। अब उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि आने वाले समय में बीजेपी युवा, संगठनात्मक और जमीनी नेताओं को आगे बढ़ाने की नीति पर काम कर रही है।
बड़ा सवाल: क्या बनेंगे अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष?
अब राजनीतिक गलियारों में सबसे बड़ा सवाल यही है—
क्या नितिन नबीन भी जेपी नड्डा की तरह आगे चलकर बीजेपी के पूर्णकालिक राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेंगे?
इस नियुक्ति ने पार्टी की अंदरूनी राजनीति और भविष्य की नेतृत्व योजना को लेकर चर्चाओं को तेज कर दिया है।
