
भारत पाकिस्तान क्रिकेट के मैदान पर एक बार फिर वही नज़ारा देखने को मिला, जो शायद अब क्रिकेट फैंस के लिए नया नहीं है। जब भी पाकिस्तान टीम हारती है, तो जिम्मेदारी लेने के बजाय बहानेबाजी शुरू हो जाती है। कल के रोमांचक मुकाबले में भी यही हुआ। मैच का अंत होते ही पाकिस्तान के कप्तान सलमान ने मीडिया के सामने ऐसी बातें कहीं, जिससे साफ जाहिर होता है कि हार पचाना उनके लिए आसान नहीं था।पोस्ट-मैच प्रेजेंटेशन में सलमान ने कहा कि अगर फखर जमां का कैच सही तरह से लिया जाता, तो मैच का नतीजा कुछ और होता। यानी कप्तान ने सीधी तरह अपनी टीम की नाकामी मानने के बजाय हार का ठीकरा एक कैच पर फोड़ दिया। लेकिन हकीकत यह है कि पाकिस्तान की बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों ही विभागों में कमी साफ दिखी। शुरुआती ओवरों में ही पाकिस्तान का टॉप ऑर्डर ध्वस्त हो गया, और जो खिलाड़ी टिके भी, वे रन बनाने के लिए संघर्ष करते नजर आए।
सलमान के बयान के बाद पाकिस्तान का सोशल मीडिया भी बंट गया। कुछ फैंस कप्तान की मिमियाहट का मज़ाक उड़ाने लगे, तो कुछ अंपायरिंग पर सवाल उठाते दिखे। कई यूज़र्स ने लिखा मैदान पर सही से खेलो, वरना हमेशा रोना-धोना जारी रहेगा।” वहीं कुछ लोगों ने फखर जमां के कैच को ‘टर्निंग प्वाइंट’ बताया, लेकिन बड़े हिस्से ने इसे पाकिस्तान की पुरानी आदत करार दिया यानि हार के बाद दोषारोपण।अगर क्रिकेट की भाषा में मैच को समझें तो साफ दिखता है कि पाकिस्तान टीम अपनी कमजोरियों को छुपाने के लिए बहाने बना रही है। बल्लेबाज़ रन बनाने में नाकाम रहे, गेंदबाज़ विकेट निकालने में असफल साबित हुए और फील्डिंग तो हमेशा से पाकिस्तान की सबसे बड़ी कमजोरी रही है। इन सबके बावजूद कप्तान का बयान केवल एक कैच पर जाकर टिक गया।वहीं दूसरी ओर, विजेता टीम ने मैदान पर शानदार प्रदर्शन दिखाया। चाहे बल्लेबाज़ी हो या गेंदबाजी, हर खिलाड़ी ने अपने हिस्से की जिम्मेदारी पूरी की। यही कारण है कि वे अंत तक मैच पर पकड़ बनाए रहे और जीत दर्ज की। असली अंतर मेहनत और जज़्बे का था, न कि किसी कैच या अंपायरिंग का।